Jammu Kashmir: बनिहाल-काजीगुंड सुरंग; परीक्षण के लिए दौड़े आम वाहन, मोदी कर सकते हैं उद्घाटन
निर्माण कंपनी के मुख्य प्रबंधक मुनीब टाक ने बताया कि टनल में 126 जेट फैन 234 सीसीटीवी कैमरे फायर फाइटिंग सिस्टम स्थापित किया गया है 2100 करोड़ की लागत 2100 करोड़ की लागत से तैयार यह सुरंग जम्मू संभाग को कश्मीर से जोड़ती है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर पीर पंजाल की तलहटी में निर्मित बनिहाल-काजीगुंड सुरंग को परीक्षण के तौर पर आम वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। इस सुरंग के पूरी तरह से बहाल होने से न सिर्फ जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय में करीब डेढ़ घटे की बचत होगी, बल्कि 16 किलोमीटर का सफर भी कम हो जाएगा। संभवत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही आने वाले चंद दिनों में इस सुरंग को राष्ट्र को समíपत करेंगे।
साढ़े आठ किलोमीटर लंबी यह सुरंग बनिहाल दर्रा में मौजूदा जवाहर सुरंग के ठीक 400 मीटर नीचे बनी है। यह देश में वाहनों के आवागमन योग्य सबसे लंबी सुरंगों में एक है। यह बनिहाल-काजीगुंड रेलवे सुरंग के समानातर है। सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण यह सुरंग श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को सदाबहार बना देगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इस सुरंग को, जिसे जम्मू कश्मीर में नवयुग सुरंग और बनिहाल टनल भी कहते हैं, में परीक्षण के तौर पर वाहनों के आवागमन को अनुमति देने की पुष्टि की है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक रोहिन गुप्ता का कहना हैं कि बनिहाल काजीगुंड सुरंग लोकार्पण के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से तैयार इस टनल में दो ट्यूब हैं और हर 500 मीटर के फासले पर दोनों ट्यूब के बीच कॉरिडोर बनाया गया है। यह आपात स्थिति के लिए इमरजेंसी एक्जिट प्वाइंट हैं। निर्माण कंपनी के मुख्य प्रबंधक मुनीब टाक ने बताया कि टनल में 126 जेट फैन, 234 सीसीटीवी कैमरे, फायर फाइटिंग सिस्टम स्थापित किया गया है 2100 करोड़ की लागत 2100 करोड़ की लागत से तैयार यह सुरंग जम्मू संभाग को कश्मीर से जोड़ती है। यह मौजूदा जवाहर सुरंग का विकल्प भी रहेगी।
जवाहर सुरंग इस समय अपनी क्षमता से अधिक वाहनों का बोझ उठा रही है और वह ज्यादा समय तक कारगर नहीं रहेगी। हिमस्खलन से हादसा भी टलेंगे जम्मू कश्मीर यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जवाहर सुरंग के बनिहाल की तरफ नौगाम-शैतानी नाला और घाटी में जवाहर सुरंग के बाएं मुहाने पर जिग तक के रास्ते में कई जगह सर्दी में हिमस्खलन की आशका रहती है और कई बार वाहन चालकों की जान इसमें गई है। बनिहाल-काजीगुंड सुरंग के बहाल होने के बाद श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर एक भी एवलाच जोन नहीं रहेगा।
2011 में शुरू हुआ था परियोजना पर काम नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी की ओर से जून 2011 को इस परियोजना पर काम शुरू किया गया था। यह चिनैनी-नाशरी टनल क साथ ही बनना शुरू हुई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से इसका काम लटक गया था। बनिहाल-काजीगुंड सुरंग निर्माण कार्य ने 2016 में ही रफ्तार पकड़ी। यह सुरंग बिल्ड, ऑपरेट और ट्रासफर (बीओटी) के आधार पर बनाया गया है