बाबा जित्तो नाटक का शानदार मंचन

जागरण संवाददाता ऊधमपुर ऑल इंडिया एसोसिएशन शिमला ने वर्चुअल तरीके से ऑल इंडिया ड्रामा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:43 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 06:43 AM (IST)
बाबा जित्तो नाटक का शानदार मंचन
बाबा जित्तो नाटक का शानदार मंचन

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : ऑल इंडिया एसोसिएशन शिमला ने वर्चुअल तरीके से ऑल इंडिया ड्रामा प्रतियोगिता आयोजित की। प्रतियोगिता में भाग लेते हुए ऊधमपुर के गढ़ी स्थित पल्त्याड़ नेहरू यूथ क्लब के कलाकारों ने बाबा जित्तो नाटक का सफल व शानदार प्रर्शन किया।

इस नाटक का लेखन स्वर्गीय प्रोफेसर राम नाथ शास्त्री ने किया था। नाटक का निर्देशन सुदेश सुल्तानपुरी द्वारा किया गया है और संगीत उत्तम शर्मा व रवि कुमार का है। डुग्गर के लोक नायक बाबा जित्तो की जीवनी पर आधारित इस नाटक में दिखाया गया कि किस तरह बाबा जित्तो और उनकी बेटी बुआ कौड़ी को डराने के लिए बाबा जित्तो की चाची जोजां जादू तंत्र करती है। कभी जोजां के सात बेटे उनको मरने का प्रयास करते हैं। इस वजह से तंग आकर बाबा जित्तो अपनी बेटी कौड़ी के साथ गहार गांव छोड़कर दूसरे गांव गढ़ पंजोड़ में अपने मित्र रूलहो लोहार के घर चले जाते हैं।

वहां का जागीरदार मेहता वीर सिंह जित्तो को खेती करने के लिए बंजर जमीन दे देता है और एक लिखित करार करता है कि इस जमीन पर जो भी फसल उगेगी बाबा जित्तो उसका चौथा हिस्सा ही अपने पास रखेंगे। मगर जब अच्छी गेहूं की फसल होती है तो जागीरदार के मन में बेईमानी और लालच आ जाता है। वह सारा गेहूं लेने लगता है और जालिम जागीरदार के कारिदे बाबा जित्तो पर अत्याचार करते हैं।

इससे आहत होकर बाबा जित्तो गेहूं के ढेर पर चढ़कर अपने आपको कटार मारकर आत्महत्या कर लेते हैं। उनकी बेटी कौड़ी यह सदमा सहन नहीं कर पाती और अपने पिता की जलती हुई चिता में कूदकर अपनी जान दे देती है।

नाटक में कलाकार अरुण कुमार, विजय वीरू, मनोहर कुमार, स्वर्णदीप, राहुल सुंबरिया, शीतु सर्वग्या, संदीप खजूरिया, रोहित कुमार, रणजीत भगत ने अपने पात्रों का शानदार अभिनय किया। कलाकारों ने बताया कि इस नाटक को वे लोग राष्ट्रीय मंच पर कई बार सफल तरीके से मंचित कर चुके हैं। भविष्य में इस तरह की प्रस्तुतियां कर डुग्गर संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास जारी रहेगा।

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