ऊधमपुर में कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत चलेगा जागरूकता अभियान

जागरण संवाददाता ऊधमपुर शहर की बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए नगर परिषद और जिला प्रश्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:41 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:41 AM (IST)
ऊधमपुर में कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत चलेगा जागरूकता अभियान
ऊधमपुर में कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत चलेगा जागरूकता अभियान

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : शहर की बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए नगर परिषद और जिला प्रशासन मिलकर काम करेंगे। इसके लिए घरों के स्तर पर ही गीला और सूखा कचरा अलग करने से लेकर उसके निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। नगर परिषद की शुक्रवार को हुई हाउस की बैठक में कचरा निस्तारण की व्यवस्था के लिए शहर के वार्ड नंबर एक को माडल वार्ड बनाने का फैसला लिया गया। पहले वार्ड नंबर सात को माडल वार्ड बनाने के लिए चुना गया था।

ठोस कचरा प्रबंधन शहर की विकराल समस्या में से एक है। ठोस कचरे का उचित प्रबंधन एक बड़ी समस्या है। शहर में घर-घर से कचरा उठाने की व्यवस्था भी काम कर रही है। इसके बावजूद वार्डो से लेकर हाईवे और धार रोड के किनारे बनाए गए डंपिग स्टेशनों पर हर समय कचरा आने-जाने वालों को मुंह चिढ़ाता नजर आता है। कचरा शहर में इतनी बड़ी समस्या बन गया है कि अब नगर परिषद के साथ जिला प्रशासन को भी मैदान में उतरना पड़ा है।

हाल ही में डीसी ऊधमपुर इंदु कंवल चिब ने जिलेभर में नगर परिषद और पालिका क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम की शुरुआत करने का ऐलान कर दिया है, जिसमें हर किसी से यह पूछा जाएगा कि वह अपने कचरे का निस्तरण कैसे और कहां पर करता है। इसके साथ ही लोगों को कचरे का उत्सर्जन कम करने, घर और दुकान के स्तर पर उसे अलग करने के लिए जागरूक भी किया जाएगा। इसके लिए आइईसी (इंफार्मेशन, एजुकेशन, कम्यूनिकेशन) गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिसमें नुक्कड़ नाटकों, स्किट व मोहल्ला बैठकों के माध्यम से लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाएगा। कई बार टल चुकी नगर परिषद और प्रशासन की बैठक, आज होने की संभावना

जिला प्रशासन और नगर परिषद की बैठक न हो पाने की वजह से ठोस कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम व इसके तहत होने वाले सर्वे और आइईसी गतिविधियों को संचालित करने के तरीके पर अंतिम चर्चा होनी बाकी है। पिछले कई दिनों में बैठक होना तय हो चुका है, मगर किसी न किसी व्यस्तता के चलते यह बैठक अभी तक नहीं हो पाई है। अब यह बैठक शनिवार को होनी प्रस्तावित है। संभावना है कि इस बैठक में जिला प्रशासन नगर परिषद के साथ इस अभियान की रूपरेखा व इससे संबंधित मुद्दों पर अंतिम रूप दे देगा। उसके बाद सोमवार से यह जागरूकता अभियान शुरू हो सकता है। माडल वार्ड के लिए ड्रा से चुना गया वार्ड नंबर एक

जिले में कचरा संवेदीकरण कार्यक्रम की शुरुआत वार्ड नंबर एक से होगी। ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था को लागू करने के लिए इस वार्ड को शहर का वार्ड बनाया जाएगा। पहले पूरा वार्ड नंबर छह और सात नंबर वार्ड का आधा हिस्सा मिलाकर माडल वार्ड के लिए चयनित किया गया, मगर इतने बड़े इलाके की जगह छोटा क्षेत्र चुनने के लिए वार्ड नंबर सात के आधे हिस्से का चयन किया गया। चूंकि यहां पर कंपोस्ट पिट बनाने के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध हो सकती है। चयनित वार्ड नंबर छह में सेनिटेशन कमेटी भी बना ली गई थी, मगर शुक्रवार को नगर परिषद की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई, जिसमें वार्ड नंबर सात को चुने जाने का विरोध हुआ और कई वार्ड के पार्षदों ने उनके वार्ड को माडल वार्ड बनाने की मांग उठाई। इसके बाद पर्ची डालकर ड्रा निकाला गया। इस ड्रा में वार्ड नंबर एक माडल वार्ड बनाने के लिए चुना गया। शनिवार को प्रशासन के साथ बैठक के बाद सोमवार से अभियान का आगाज होने की उम्मीद है। यदि प्रशासन के साथ बैठक नहीं भी होती है तो भी नगर परिषद अपने स्तर पर शहर के वार्ड नंबर एक सहित सभी वार्डो में जागरूकता अभियान शुरू करेगी। मोहल्ला सेनिटेशन कमेटी का होगा गठन

माडल वार्ड बनाने के लिए चुने गए वार्ड नंबर एक में ठोस कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत जागरूकता, निगरानी व सर्वेक्षण के काम के कुशल संचालन के लिए वार्ड सेनिटेशन कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें नगर परिषद के सीईओ, नगर परिषद अध्यक्ष, वार्ड के पार्षद, नगर परिषद सेनेटरी सुपरवाइजर, एक सरकारी कर्मचारी, समाज सेवक और वार्ड में दुकान व कारोबार करने वालों के साथ वालंटियर्स के तौर पर काम करने के इच्छुक लोगों को शामिल किया जाएगा। कमेटी में न्यूनतम दस सदस्य होंगे और इसमें और लोगों को शामिल कर इसके आकार को बढ़ाया जा सकता है। जागरूकता के साथ वार्ड में कचरे को लेकर होगा सर्वे

जिले में वार्ड नंबर एक से शुरू होने वाले कचरा संवेदीकरण अभियान के तहत आइईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को गीले व सूखे कचरे में अंतर, दोनों प्रकार के कचरों को अलग जमा करने, कचरा उठाने के लिए घरों में आने वालों को अलग-अलग देने, कचरा उठाने वालों द्वारा दोनों प्रकार के कचरों को अलग जमा करने, घरों में सेप्टिक टैंक है या नहीं, घर के लोग और दुकानदार अपने कचरे का निस्तारण कैसे और कहां पर करते हैं, पालीथिन का कितना प्रयोग होता है, ऐसी अन्य चीजों को लेकर व्यापक सर्वे किया जाएगा। सर्वे के दौरान लोगों से यूजर चार्ज संबंधी जानकारियां भी ली जाएंगी। खुले में नजर आने वाले कचरे को रोकेगा प्रशासन

जिला प्रशासन और नगर परिषद दोनों का प्रयास शहर में बनी डंपिग साइटों पर हर समय नजर आने वाले कचरे को रोकना है, क्योंकि घर-घर से कचरा उठाने वाले यदि घरों, दुकानों व व्यावयासिक संस्थानों से सारा कचरा उठा रहे हैं तो फिर डंपिग साइटों पर कचरा होने ही नहीं चाहिए। कचरा दो ही वजह से आ रहा है। या तो घर-घर से कचरा उठाने वाले सभी घरों से कचरा नहीं उठा रहे हैं, या सभी लोग उनको अपने घरों का कचरा नहीं दे रहे और खुद डंपिग साइटों पर फेंक रहे हैं। मगर जिले में ठोस कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत सर्वे और निरीक्षण के शुरू होने के बाद प्रशसान हर घर और संस्थान से उनके कचरे के निस्तारण के तरीके के बारे में जानकारी हासिल करेगा। शहर में कचरा प्रबंधन को लेकर नगर परिषद जागरूकता अभियान शुरू करने जा रही है। जिला प्रशासन ने भी जिले में ठोस कचरा प्रबंधन संवेदीकरण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इसको लेकर बैठक होनी थी, मगर डीसी ऊधमपुर की व्यस्तता के चलते अभी तक यह हो नहीं पाई है। शुक्रवार को नगर परिषद के हाउस की बैठक के कारण यह नहीं हो सकी। संभावना है कि शनिवार को यह बैठक हो जाएगी। यदि यह बैठक किसी कारण से नहीं भी होती है तो भी नगर परिषद न केवल वार्ड नंबर एक, बल्कि शहर के सभी वार्डो में पार्षदों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर देगी। प्रशासन के साथ बैठक के बाद जो भी जरूरी कदम होंगे, उसके मुताबिक जागरूकता सर्वे, निरीक्षण व आइईसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

डा. जोगेश्वर गुप्ता, नगर परिषद अध्यक्ष ऊधमपुर

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