Militancy in Jammu Kashmir: कश्मीर में युवाओं को इंटरनेट मीडिया के जरिये संगठनों में भर्ती कर रहे आतंकी
OGW युवाओं को इंटरनेट मीडिया पर झूठे वीडियो दिखाने के साथ दुष्प्रचार के अन्य तरीकों से गुमराह कर रहे हैं। सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के आगे हथियार डालने वाले आतंकवादियों तवार वागे व आमिर अहमद मीर ने बताया कि उन्हें पाक में सक्रिय हैंडलरों ने फेसबुक से भर्ती किया था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के बढ़ते शिकंजे से आतंकी संगठन हताश हैं। कश्मीर में युवाओं को गुमराह कर आतंकी बनाने की नई साजिश रची है। इंटरनेट मीडिया की मदद से उन्हें हथियार उठाने के लिए उकसाया जा रहा है। इसका पर्दाफाश गत दिनों सेना के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले आतंकी तवार वागे और आमिर अहमद मीर ने किया।
वहीं सेना, सुरक्षाबलों व पुलिस के साइबर सेल साजिश को नाकाम बनाने में जुटा है। पहले आतंकवादियों के समर्थक युवाओं से मिलकर आतंकी बनने के लिए उकसाते थे, लेकिन सेना व सुरक्षाबलों की घाटी में ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के बाद युवाओं की अब साइबर भर्ती हो रही है। ओवर ग्राउंड वर्कर युवाओं को इंटरनेट मीडिया पर झूठे वीडियो दिखाने के साथ दुष्प्रचार के अन्य तरीकों से गुमराह कर रहे हैं। सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के आगे हथियार डालने वाले आतंकवादियों तवार वागे व आमिर अहमद मीर ने बताया कि उन्हें पाक में सक्रिय हैंडलरों ने फेसबुक से भर्ती किया था।
उन्हें खालिद व मोहम्मद अब्बस शेख का कोड नेम दिया। ऑनलाइन ट्रेनिंगदेकर आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाया था। आतंकी बनने के बाद दोनों सिर्फ एक बार शोपियां में स्थानीय आतंकी से मिले थे। आतंकी गुमराह युवकों से दूरी बनाकर इस समय यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके पकड़े जाने के बाद कोई परेशानी न पैदा हो। फेसबुक, यू ट्यूब से ही युवाओं से संपर्क स्थापित कर रहे हैं।
40 युवाओं को बरगलाया : सूत्रों के अनुसार कश्मीर में इंटरनेट मीडिया से करीब 40 युवाओं को आतंकी बनने के लिए बरगलाया है। इनमें से अधिकतर दक्षिण कश्मीर से हैं। इस समय जम्मू कश्मीर में आतंकवादी तंजीमों को कैडर के साथ हथियारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।हाल ही में उत्तरी कश्मीर में मारे गए 22 वर्षीय स्थानीय आंतकी आमिर सिराज सोशल साइटों की मदद से आतंकी बनाया था। स्नातक अंतिम साल का विद्यार्थी सिराज फुटबाल का खिलाड़ी भी था। वह 24 जून को घर से लापता हो गया था। बाद में यह सूचना मिली थी कि वह जैश-ए-मोहम्मद में भर्ती हो गया था। वह आत्मसमर्पण करना चाहता था। उसके सहयोगियों ने धमकी दी थी कि ऐसा करने पर परिवार को खत्म कर दिया जाएगा।