अमरनाथ यात्रा के असमंजस के बीच बालटाल आधार शिविर में टीकाकरण की कवायद

श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वाíषक तीर्थयात्रा-2021 को लेकर बने असंमजस के बीच प्रशासन ने बालटाल आधार शिविर में तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न सेवाओं को उपलब्ध कराने वालों का यथाशीघ्र कोरोना का टीका लगवाने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 09:29 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 09:29 AM (IST)
अमरनाथ यात्रा के असमंजस के बीच बालटाल आधार शिविर में टीकाकरण की कवायद
अमरनाथ यात्रा के असमंजस के बीच बालटाल आधार शिविर में टीकाकरण की कवायद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वाíषक तीर्थयात्रा-2021 को लेकर बने असंमजस के बीच प्रशासन ने बालटाल आधार शिविर में तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न सेवाओं को उपलब्ध कराने वालों का यथाशीघ्र कोरोना का टीका लगवाने का निर्देश दिया है। पवित्र गुफा की तरफ जाने के दो ही रास्ते बालटाल और पहलगाम हैं। पहलगाम दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में हैं जबकि बालटाल मध्य कश्मीर में गादरबल जिले में सोनमर्ग के पास स्थित है। बालटाल से पवित्र गुफा की दूरी लगभग 10 किलोमीटर की है।

कंगन के एसडीएम हकीम तनवीर के अनुसार, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अभी तक तीर्थयात्रा को रद करने का कोई अधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया है। इसलिए हम अपने स्तर पर सभी तैयारियों को अंतिम रूप देना चाहते हैं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार, तीर्थयात्रा इसी माह 28 तारीख को शुरू होनी है। इसलिए सभी ब्लाक विकास परिषद के अध्यक्षों, पंच-सरपंचों और स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा गया है कि वह गादरबल, कंगन, गुंड, सोनमर्ग और बालटाल में तीर्थयात्रियों को तंबू, घोड़ा, पालकी, पिट्ठु ,भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने वालों के साथ साथ सभी टैक्सी चालक और श्रमिक कोरोना वैक्सीन लगवाएं।

उन्होंने कहा कि अगर तीर्थयात्रा के लिए सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को अनुमति मिलती है तो भी इन सेवा प्रदाताओं की जरूरत होगी। कोई भी कोरोना संक्रमण का प्रसारक न बने और न कोई कोरोना संक्रमण से प्रभावित हो, इसलिए टीकाकरण जरूरी है। अगर यात्रा नहीं भी होती है तो भी टीकाकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीते साल 21 जुलाई को कोविड मामलों में तेजी के चलते ही श्री अमरनाथ की वाíषक तीर्थयात्रा रद की गई थी। इस बार भी इसके रद होने की आशका है, लेकिन जिस तरह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है और टीकाकरण ने गति पकड़ी है, उसके आधार पर कई लोग दावा करते हैं कि तीर्थयात्रा को अगर 28 जून को नहीं तो जुलाई के दूसरे पखवाड़े में या फिर अगस्त की शुरुआत में शुरू किया जा सकता है। अलबत्ता, ज्यादातर लोगों का मानना है कि इसे रद किया जाएगा ताकि कोरोना संक्रमण का किसी भी तरह से फैलने का मौका नहीं मिले। खैर, अंतिम फैसला अगले दा चार दिनों में श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। अगर यात्रा रद होती है तो भी बीते साल की तरह ही श्रद्धालुओ को पवित्र गुफा में होने वाली बाबा बर्फानी की आरती का सीधा प्रसारण देखने को मिलेगा। छड़ी मुबारक जरूर जाएगी।

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