महिलाओं के लिए चेयरमैन पद की आरक्षित सीटों पर मंथन

जिला विकास परिषद के चुनावी नतीजों व सदस्यों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद महिलाओं के लिए चेयरमैन पद की आरक्षित सीटों पर मंथन जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 06:43 AM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 06:43 AM (IST)
महिलाओं के लिए चेयरमैन पद की आरक्षित सीटों पर मंथन
महिलाओं के लिए चेयरमैन पद की आरक्षित सीटों पर मंथन

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जिला विकास परिषद के चुनावी नतीजों व सदस्यों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद महिलाओं के लिए चेयरमैन पद की आरक्षित सीटों पर मंथन जारी है। ग्रामीण विकास और पंचायत मामलों का विभाग 33 फीसद सीटें आरक्षित करने के लिए नियम तैयार कर रहा है। आरक्षण की स्थिति साफ होने के बाद संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) चेयरमैन पद के चयन के लिए अधिसूचना जारी करेंगे। आरक्षण को लेकर स्थिति साफ होने के बाद ही पार्टियां बहुमत के हिसाब से चेयरमैन पदों के उम्मीदवार तय करेंगी। संबंधित डिप्टी कमिश्नरों की तरफ से चेयरमैन पद की अधिसूचना जारी होगी जिसके साथ नामांकन पत्र भरे जाएंगे।

ग्रामीण विकास और पंचायत मामलों का विभाग जम्मू कश्मीर की 280 सीटों की समीक्षा करके महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया अपनाने के लिए काम कर रहा है। चुनाव में 85 महिलाएं विजयी हुई हैं। कुछ ही दिनों में विभाग सीटों के आरक्षण का पूरा ब्योरा जारी करेगा। इससे यह पता चलेगा कि किस जिले में चेयरमैन पद की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है। चूंकि पहले ही हर जिला परिषद से महिलाएं चुनकर आई तो इसमें पार्टियों को दिक्कत होने वाली नहीं है। चुनाव में पहले से महिलाओं को 33 फीसद और अन्य वर्गों के लिए आरक्षण पहले ही जारी किया जा चुका है। उसी तरीके से ही उम्मीदवार चुन कर आए हैं। चेयरमैन पद के लिए आरक्षण तय करने की प्रक्रिया चुनाव के बाद शुरू हुई है। विपक्षी पार्टियों की इस पर नजरें हैं तो भाजपा इस मुद्दे पर चुप है। चुनाव से पहले नियम तय क्यों नहीं हुए : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी जम्मू कश्मीर के मुख्य प्रवक्ता रविद्र शर्मा का कहना है कि चुनाव से पहले चेयरमैन पद के लिए आरक्षण के नियम तैयार क्यों नहीं किए गए। देश के अन्य राज्यों में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है कि चुनाव के बाद सीटें आरक्षित की जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा असमंजस फैलाने के लिए किया जा रहा है ताकि सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाया जा सके। यह जनादेश को धोखा है।

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