Jammu Kashmir: अंतर्कलह से जूझ रहा पीपुल्स एलायंस देश भर में संवाद करेगा

पीएजीडी से जुड़े एक नेता ने कहा कि देश भर में यह अभियान चलाने का विचार गठबंधन की उपाध्यक्ष एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कथित तौर पर दिया था। पीएजीडी के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला भी इस विचार से सहमत नजर आए हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 06:05 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 08:24 AM (IST)
Jammu Kashmir: अंतर्कलह से जूझ रहा पीपुल्स एलायंस देश भर में संवाद करेगा
सभी घटक दल अपनी अपनी दलगत सियासत में ही दिलचस्पी ले रहे हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: अपने घटक दलों में अंतर्कलह से जूझ रहे पीपुल्स एलायस फार गुपकार डिक्लेरशन (पीएजीडी) के पास आम कश्मीरियों के सवालों के जवाब नहीं हैं। इन सवालों से बचने के लिए यह गठबंधन नई सियासी पैंतरेबाजी पर उतर रहा है। अपने आसपास के ही लोगों को जवाब देने के बजाय वह देश भर में संवाद शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

एजेंडा वही होगा- जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाली। इसके लिए वह एक प्रतिनिधिमंडल भी बना रहा है। इसमें शामिल करने के लिए सभी घटक दलों से उनके प्रतिनिधि तय करने के लिए कहा गया है। नेशनल काफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स काफ्रेंस, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, माकपा और अवामी नेशनल काफ्रेंस ने आपस में मिलकर जम्मू कश्मीर में पाच अगस्त 2019 से पहले की संवैधानिक स्थिति बहाल कराने के एजेंडे के साथ पीएजीडी बनाया था। इन दलों ने पीएजीडी के बैनर तले ही जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ा था।

अलबत्ता, चुनावों के दौरान ही पीएजीडी में मतभेद सामने आ गए थे। बीते दिनों पीपुल्स काफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने इससे नाता तोड़ लिया था। पीएजीडी में शामिल दलों पर पहले ही दिन से आरोप लग रहा है कि वह सिर्फ जम्मू कश्मीर के बदले हालात में अपनी सियासत शुरू करने के लिए एक सुरक्षित रास्ता तलाश रहे हैं। पीएजीडी अपने घोषित एजेंडे को लेकर कहीं भी सक्रिय नहीं है और सभी घटक दल अपनी अपनी दलगत सियासत में ही दिलचस्पी ले रहे हैं।

अब यह सब जम्मू-कश्मीर के लिए दर्जे की माग तक सीमित हो चुके हैं। जनता के बीच अपनी छवि साफ करने और खुद को पूरी तरह ईमानदार साबित करने के लिए पीएजीडी ने दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में संवाद-समन्वय अभियान चलाने पर गंभीरता से विचार शुरू कर दिया है। इसके लिए देश में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, बुद्धिजीवी संगठनों, राजनीतिक विश्लेषकों और कानूनविदों के साथ संवाद कर जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का खाका खींचा जा रहा है। इसके लिए वह अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। इसमें नेका, पीडीपी, माकपा समेत सभी घटक दल के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।

पीएजीडी से जुड़े एक नेता ने कहा कि देश भर में यह अभियान चलाने का विचार गठबंधन की उपाध्यक्ष एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कथित तौर पर दिया था। पीएजीडी के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला भी इस विचार से सहमत नजर आए हैं। हालांकि, इस विषय में अभी अन्य घटक दलों के साथ बातचीत का दौर चल रहा है।

chat bot
आपका साथी