Corruption in Kashmir: काम ट्रैक्टर से लिया और बिल बनवाया टैक्सी का
इन लोगों ने विभिन्न कार्यो के लिए 10 लाख रुपये सरकारी खजाने से निकलवाए हैं। इनमें से एक लाख रुपये की राशि दुदपथरी इलाके में जारी विभिन्न विकास कार्यो के निरीक्षण के लिए मौके पर जाने के लिए किराए पर लिए वाहनों की मद में खर्च की गई।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: यात्रा व अन्य कामों के लिए ट्रैक्टर व मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया, लेकिन सरकारी खजाने से बिल टैक्सियों के नाम पर निकलवाए गए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले की पुष्टि करते हुए दुदपथरी विकास प्राधिकरण के तत्कालीन प्रभारी समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ बुधवार को अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया। तीनों आरोपित अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि बड़गाम जिले में दुदपथरी पर्यटन स्थल के समग्र विकास के लिए दुदपथरी विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। वर्ष 2011 में दुदपथरी विकास प्राधिकरण के तत्कालीन प्रभारी मोहम्मद दिलावर, तत्कालीन सुपरवाइजर गुलाम रसूल लोन व गुलाम मोहम्मद ठोकर के खिलाफ भ्रष्टाचार व फर्जी बिलों के आधार पर सरकारी खजाने से पैेसा निकलवाने की शिकायत मिली थी। इन शिकायतों के आधार पर मामला दर्ज कर जाच शुरू की गई थी।
जांच में पता चला कि इन लोगों ने विभिन्न कार्यो के लिए 10 लाख रुपये सरकारी खजाने से निकलवाए हैं। इनमें से एक लाख रुपये की राशि दुदपथरी इलाके में जारी विभिन्न विकास कार्यो के निरीक्षण के लिए मौके पर जाने के लिए किराए पर लिए वाहनों की मद में खर्च की गई। शेष राशि को अन्य कार्यो में खर्च दिखाई गई और उसमें भी धाधली हुई है। प्रवक्ता ने बताया कि इन अधिकारियों ने वाहन किराया निकलवाने के लिए जो बिल जमा कराए थे, उनकी जाच की गई। बिल में दर्शाए गए वाहनों के पंजीकरण नंबर के बारे में संबंधित परिवहन कार्यालय से संपर्क किया गया। इस दौरान पता चला कि सिर्फ दो ही वाहनों के नंबर सूमो टैक्सी के थे।
अन्य सभी वाहनों में कोई ट्रैक्टर था या फिर मोटरसाइकिल। अधिकारियों ने अपने ओहदे का लाभ उठाकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है। इन तीनों आरोपितों के खिलाफ श्रीनगर में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया है।