Jammu Kashmir : नौकरशाहों को बताना होगा- जनता की कितनी सममस्याएं सुनीं
प्रदेश में अब सभी वरिष्ठ नौकरशाहों को जनता के साथ अपने संवाद की जानकारी और हल हुई जन शिकायतों का पूरा ब्योरा राजभवन को देना होगा। राज्यपाल और राजभवन सचिवालय इस ब्योरे की जाच के आधार पर संबंधित अधिकारी की प्रशासनिक कार्यकुशलता का आकलन करेगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : प्रदेश में अब सभी वरिष्ठ नौकरशाहों को जनता के साथ अपने संवाद की जानकारी और हल हुई जन शिकायतों का पूरा ब्योरा राजभवन को देना होगा। राज्यपाल और राजभवन सचिवालय इस ब्योरे की जाच के आधार पर संबंधित अधिकारी की प्रशासनिक कार्यकुशलता का आकलन करेगा। प्रदेश सरकार ने ब्लाक दिवस के आयोजन को फिर से शुरू करने के लिए भी जिला उपायुक्त को निर्देश दिए हैं।
प्रदेश प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जून में सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिया था कि अगर वह क्षेत्रीय दौरे पर न हों तो अपने कार्यालय में आम लोगों से जरूर मिलें। लोगों समस्याओं-शिकायतों को सुनें और हल करें। उन्होंने जनता से मुलाकात के लिए दोपहर एक घटे का समय तय किया था। कहा था कि वह वीडियो काफ्रेंस के जरिए या फिर अधिसूचित फोन नंबर पर भी जन प्रतिनिधिमंडलों की बात सुन सकते हैं। इसी तरह का आदेश जिला उपायुक्तों और जिला एसएसपी को भी दिया गया था।
यह सब बताना होगा अधिकारियों को महाप्रशासनिक विभाग के सचिवायुक्त मनोज द्विवेदी ने भी अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर सभी प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों से कहा है कि वह प्रत्येक शुक्रवार की शाम चार बजे तक ईमेल के जरिए जनसंवाद से संबंधित अपनी पूरी गतिविधियों का ब्यौरा महाप्रशासनिक विभाग को दें। उन्हें बताना होगा कि वह कितने जनप्रतिनिधिमंडलों या फिर लोगों से अपने कार्यालय में मिले हैं। कितने लोगों ने फोन पर अपनी शिकायतों से अवगत कराया। इन पर क्या कार्रवाई की और उन्होंने किस जगह जनता दरबार में हिस्सा लिया है। महा प्रशासनिक विभाग संबंधित अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी की रिपोर्ट तैयार कर उपराज्यपाल को सौपेंगा।
शिकायत के बाद उपराज्यपाल की सख्ती: अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल के साथ मुलाकात के दौरान कई जन प्रतिनिधिमंडलों ने शिकायत की है कि कई प्रशासनिक सचिव और जिला उपायुक्त आम लोगों को उपलब्ध नहीं होते। जनता दरबार के लिए निर्धारित समय पर अक्सर वह दौरे पर रहते हैं या किसी प्रशासनिक बैठक में। कई बाद वह कोविड प्रोटोकाल का हवाला देकर मुलाकात टाल देते हैं। इसलिए अब सभी अधिकारियों को जनता के साथ संवाद, प्राप्त शिकायतों, हल की गई शिकायतों का ब्यौरा सीधे राजभवन को देना होगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी का संकट शुरू होने से पहले प्रत्येक सप्ताह बुधवार को ब्लाक स्तर पर जिलाधिकारी या किसी प्रशासनिक सचिव द्वारा जनता दरबार का आयोजन किया जाता रहा है।