Kashmir Situation: शांति मार्च निकालने आ रहे सतीश महलदार को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोका
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश पर सीआइएसएफ के अधिकारियों ने सतीश को श्रीनगर एयरपोर्ट में ही रोक रखा है। कहा जा रहा है कि सतीश महलदार को अगली फ्लाइट से वापिस भेज दिया जाएगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नई दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के माहौल के बीच कश्मीर शांति का संदेश देने घाटी पहुंचे विस्थापित कश्मीरी पंडित नेता सतीश महलदार को श्रीनगर एयरपोर्ट में रोक लिया गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें शहर में जाने की अनुमति नहीं दी। हालांकि बाद में पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर कोठी बाग पुलिस स्टेशन ले गइ है। वहीं एक दिन पहले सैम बट ने दोपहर बाद प्रेस क्लब रखी गई पत्रकारवार्ता को भी स्थगित कर दिया है। वह इस समय कश्मीर में कहां है, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
सतीश महलदार ने प्रशासन के इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि वे यहां कश्मीरी पंडित और मुस्लिम भाइयों के संयुक्त मंच की अगुवाई में शांति मार्च निकालने आए हैं, जो यहां के लोगों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देगा। मार्च में शामिल कश्मीरी पंडित और मुस्लिम समुदाय के लोग अपने हाथों में सफेद झंडे लहराते हुए शांति, बहुलवाद और सौहार्द का संदेश देंगे। वहीं प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से इस तरह के शांति मार्च के लिए यह सही समय नहीं है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश पर सीआइएसएफ के अधिकारियों ने सतीश को बाद में पुलिस को सौंप दिया था, जिन्हें बाद में कोठी बाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। फिलहाल उन्हें वहीं रखा गया है। कश्मीर में करीब 30 सालों बाद कश्मीरी पंडित और मुस्लिम समुदाय द्वारा निकाली जाने वाली यह रैली फिलहाल स्थगित कर दी गई है। इस शांति मार्च का नाम साथ दो रखा गया है। बटमालू से आरंभ होकर रैली डाउन-टाउन से गुजरते हुए प्रेस क्लब श्रीनगर में संपन्न होनी थी।
आयोजक दावा कर रहे थे कि तीन दशक में कश्मीर में निलकने वाला यह शांति मार्च अपनी तरह का पहला मार्च होगा, जिसमें पंडित और मुस्लिम एकसाथ शामिल होंगे। मुजफ्फर खान नामक समाजसेवी और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता संजय सर्राफ इस तरह के आयोजन कर चुके हैं। रैली का आयोजन विस्थापितों के पुनर्वास के लिए काम कर रहे संगठन के अध्यक्ष सतीश महलदार और मशहूर गायक सैम बट कर रहे थे। सैम ने बालीवुड फिल्म मर्डर 2 में गाना गया है। सतीश ने कहा कि बीते 30 सालों में यह पहली रैली होगी। हमारा मकसद है कि सभी लोग हिंसा और नफरत को त्याग शांति व सद्भाव के लिए एकजुट हों। रैली में 150 से ज्यादा कारें और मोटरसाइकिल शामिल होंगे। हम रैली के दौरान मकानों और दुकानों पर सफेद झंडा लगाते हुए जाएंगे।