Politics Terrorism Nexus: अलगाववाद और आतंक की पोषक सियासत का असली चेहरा हो रहा बेनकाब

पीडीपी नेता वाहिद उर रहमान परा के आतंकियों से गठजोड़ का पर्दाफाश होने के बाद अब जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत अन्य बड़े नेताओं तक पहुंच रही है। कश्मीर की बर्बादी का खेल खेलने वाले किरदारों के चेहरों से भी अब पर्दा उठने लगा है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 27 Mar 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 27 Mar 2021 09:19 AM (IST)
Politics Terrorism Nexus: अलगाववाद और आतंक की पोषक सियासत का असली चेहरा हो रहा बेनकाब
अपने फायदे के लिए कश्मीर की बर्बादी का खेल खेलने वाले किरदारों के चेहरों से पर्दा उठने लगा है।

जम्मू, नवीन नवाज: जम्मू कश्मीर में आतंक-अलगाववाद और मुख्यधारा की सियासत का गठजोड़ अब ध्वस्त होता नजर आ रहा है। पीडीपी नेता वाहिद उर रहमान परा के आतंकियों से गठजोड़ का पर्दाफाश होने के बाद अब जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत अन्य बड़े नेताओं तक पहुंच रही है। अपने फायदे के लिए कश्मीर की बर्बादी का खेल खेलने वाले किरदारों के चेहरों से भी पर्दा उठने लगा है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत कई बड़े नेताओं पर भी जांच एजेंसियों ने घेरा कस दिया है।

जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद भ्रष्टाचार और टेरर फंडिंग मामलों की जांच जिस तेजी से आगे बढ़ी आतंक के पोषक नेताओं के चेहरे एक-एक कर साफ होने लगे। अलगाववादियों और आतंकियों की वित्तीय आक्सीजन बंद करने के लिए हवाला और अवैध कारोबार पर शिकंजा कसा ही गया, जम्मू कश्मीर बैंक के घोटाले सामने आने के बाद संसाधनों की सार्वजनिक लूट भी उजागर हुई।

कदम दर कदम आगे बढ़ते हुए जांच एजेंसियां अब इस खेल के बड़े खिलाडिय़ों के करीब जा पहुंची हैं। अभी तक की जांच से साफ बात है कि सभी दलों ने खुलकर इस लूट में बंदरबांट की ही, सियासी फायदे के लिए अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने से भी नहीं चूके। पीडीपी नेता परा के खिलाफ चार्जशीट आतंकी-सियासी गठजोड़ का कानूनी दस्तावेज है। परा पर लश्कर व हिजबुल आतंकियों के लिए हथियार व पैसे का बंदोबस्त करने और ङ्क्षहसा को फंडिंग करने का आरोप है।

जांच एजेंसियों के कसते शिकंजे को जम्मू कश्मीर में सभी भांप चुके हैं। यही कारण है कि गत वीरवार को पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर सब मौन साधे रहे।

इन नेताओं पर भी कसा है शिकंजा :  नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला, उनकी पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर के पुत्र हिलाल राथर, सांसद अकबर लोन के पुत्र हिलाल लोन और पीडीपी के चाणक्य कहे जाने वाले नईम अख्तर भ्रष्टाचार के मामलों में घेरे में हैं। नेकां नेता अब्दुल रहीम राथर का पुत्र हिलाल राथर इस समय 177 करोड़ के बैंक घोटाले में लिप्त है। वह पिछले साल दिसंबर में जमानती पर छूटा, लेकिन 17 जनवरी को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले सांसद मोहम्मद अकबर लोन के पुत्र हिलाल लोन पर भी देशद्रोह का मामला है। -नौकरशाही से सियासत आए नईम अख्तर भी भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हैं। नईम को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का करीबी कहा जाता रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) घोटाले की जांच के जरिए घेरा कसा गया है। ईडी ने दिसंबर 2020 में श्रीनगर और जम्मू स्थित उनकी करीब 12 करोड़ की परिसंपत्तियों को अटैच किया है। अफजल गुरु और बुरहान वानी जैसे आतंकियों को शहीद बताने वाले पूर्व विधायक इंजीनियर रशीद टेरर फंडिग के मामले में तिहाड़ में बंद है। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह और जेकेएलएफ कमांडर यासीन मलिक समेत करीब दो दर्जन अलगाववादी तिहाड़ में बंद हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ :

- पहली बार अलगाववाद और सियासत के नापाक गठजोड़ को ध्वस्त करने के लिए सुनियोजित ढंग से कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। केंद्र सरकार दृढ़ राजनीतिक इच्छा के साथ आतंकवाद और अलगाववाद को जड़ से उखाडऩे में जुटी है। - अजात जम्वाल, जम्मू कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ

मुख्यधारा में रहकर अलगाववादियों का समर्थन करने वाले ज्यादा खतरनाक होते हैं। अब इनके गिरेबान तक आंच पहुंच रही है। इससे पहले अब्दुल्ला और मुफ्ती जैसे नेताओं से पूछताछ तो दूर, इनका जिक्र तक कोई एजेंसी नहीं करती थी। - डा. अजय चुरुंगु, रक्षा मामलों के जानकार

आतंकी और मुख्यधारा की सियासत का गठजोड़ कश्मीर में कोई रहस्य नहीं है। रहस्य सिर्फ यही था कि पहले इसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। - सलीम रेशी, राजनीतिक कार्यकर्ता

सुरक्षा एजेंसियों को पहली बार निष्पक्ष रूप से काम की छूट मिली है। यही चला तो जम्मू कश्मीर में अगले एक दो साल में आतंकवाद, अलगाववाद और उसके समर्थक पूरी तरह समाप्त पाएंगे। - अशकूर वानी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक

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