तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को परिजनों के पास भेजा

आतंकियों के ठिकाने पर हमला बोलने वाली टुकड़ी में जिलाजीत सिंह यादव सबसे आगे थे। आतंकियों की फायरिग में जख्मी होने के बावजूद वह मोर्चे पर डटे रहे। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां वह चल बसे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:29 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 08:29 AM (IST)
तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को परिजनों के पास भेजा
तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को परिजनों के पास भेजा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में बुधवार को आतंकरोधी अभियान में शहीद हुए सैन्यकर्मी को चिनार कोर मुख्यालय में आयोजित भावपूर्ण समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान के साथ जौनपुर, उत्तर प्रदेश उनके परिजनों के पास ले जाया गया।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि तड़के कामराजीपोरा पुलवामा में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। आतंकियों के ठिकाने पर हमला बोलने वाली टुकड़ी में जिलाजीत सिंह यादव सबसे आगे थे। आतंकियों की फायरिग में जख्मी होने के बावजूद वह मोर्चे पर डटे रहे। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां वह चल बसे। प्रवक्ता ने बताया कि 25 वर्षीय जिलाजीत सिंह 18 मार्च 2014 को सेना में भर्ती हुए थे। वह उत्तर प्रदेश में जिला जौनपुर के अंतर्गत इजारी, सदर गांव के रहने वाले थे। वह अपने पीछे अपनी पत्नी पूनम देवी छोड़ गए हैं। जिलाजीत सिंह सेना की 53 आ‌र्म्ड रेजिमेंट में तैनात थे। उन्होंने घाटी में आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेने के लिए स्वेच्छा से राष्ट्रीय राइफल्स को चुना था।

शहीद जिलाजीत सिंह को चिनार कोर मुख्यालय में आयोजित समारोह में चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू समेत वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों व जवानों के अलावा आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार और पुलिस के अन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र और फूलमालाएं भेंट की।

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