जम्मू कश्मीर में मिनी फूड पार्क खोलने की योजना

जम्मू कश्मीर में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मिनी फूड पार्क स्थापित करने की योजना पर विचार कर रही है। यह पार्क प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर फल सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थो की उपलब्धता व अन्य सुविधाओं के आधार पर स्थापित किए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 05:13 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 05:13 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में मिनी फूड पार्क खोलने की योजना
जम्मू कश्मीर में मिनी फूड पार्क खोलने की योजना

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मिनी फूड पार्क स्थापित करने की योजना पर विचार कर रही है। यह पार्क प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर फल, सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थो की उपलब्धता व अन्य सुविधाओं के आधार पर स्थापित किए जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र जावूरा में स्थित उद्यानिकी उत्कृष्ट केंद्र में उद्यमियों और प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत में दी है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को जानने के लिए जल्द ही केंद्र का एक उच्चस्तरीय दल जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा। जनपहुंच कार्यक्रम के तहत श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर के किसानों और बागवानों की सभी तर्कसंगत मांगों को पूरा करने के लिए प्रयासरत है। किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश में कई योजनाएं कश्मीर में लागू की जा चुकी हैं। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश में मिनी फूड पार्क खोले जाएंगे। इस पर काम चल रहा है। इससे न सिर्फ जम्मू कश्मीर में निवेश बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय किसानों को भी अपने उत्पादों का उचित दाम मिलेगा। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कम लागत-ज्यादा पैदावार और ज्यादा लाभ को सुनिश्चित बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं। किसान और बागवान केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाएं। सी ग्रेड के सेब का प्रसंस्करण में हो सकता है इस्तेमाल

बागवानी महानिदेशक ने मंत्री को बताया कि 3.3 लाख हेक्टेयर में फैले बागों में 24 लाख मीट्रिक टन फल पैदा होते हैं। बागवानी जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। प्रदेश में छह लाख टन सी ग्रेड और पेड़ से गिरा सेब होता है, जिसका इस्तेमाल प्रसंस्करण उद्योग में हो सकता है। आपरेशन ग्रीन योजना को फिर मांग

कश्मीर के उद्यमियों ने केंद्रीय मंत्री से आपरेशन ग्रीन योजना को फिर से लागू करने का आग्रह किया। इस योजना के तहत किसानों और बागवानों को कोल्ड स्टोर में अपने उत्पाद रखने, उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने पर होने वाले खर्च पर सब्सिडी दी जाती थी। इसके अलावा प्रत्येक जिले में कम से कम एक फल प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की मांग भी रखी।

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