Jammu And Kashmir: लद्दाख में रक्षा तैयारियों को धार देंगे 15 हजार कर्मवीर, अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों में श्रमिकों को जम्मू लाया जाएगा

रक्षा मंत्रालय ने की 15 हजार श्रमिक लद्दाख पहुंचाने की तैयारी झारखंड व अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों में श्रमिकों को जम्मू लाया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:56 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 04:25 PM (IST)
Jammu And Kashmir: लद्दाख में रक्षा तैयारियों को धार देंगे 15 हजार कर्मवीर, अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों में श्रमिकों को जम्मू लाया जाएगा
Jammu And Kashmir: लद्दाख में रक्षा तैयारियों को धार देंगे 15 हजार कर्मवीर, अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों में श्रमिकों को जम्मू लाया जाएगा

जम्मू,विवेक सिंह। लद्दाख में भारत की रणनीतिक तैयारियों से चीन तिलमिलाया हुआ है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से गतिरोध के बीच विकास को धार देने के लिए देश के कई हिस्सों से हजारों कर्मवीर आ रहे हैं। झारखंड व अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों में श्रमिकों को जम्मू लाया जाएगा। यहां से सड़क मार्ग या विशेष विमान से लद्दाख पहुंचाया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने जल्द लद्दाख में विकास को तेजी देने के लिए 15 हजार श्रमिकों को लद्दाख पहुंचाने की तैयारी कर ली है। सीमा सड़क संगठन ने देशभर के श्रमिकों को लद्दाख आकर विकास में भागीदार बनने का निमंत्रण दिया था। आने-जाने, खाने व रहने का बंदोबस्त सीमा सड़क संगठन करना करेगा।

कोरोना संक्रमण से उपजे हालात में पर्याप्त श्रमिक ने मिलने से विकास पर प्रभाव पड़ता देख अब रक्षा मंत्रालय ने श्रमिकों को लाने की तैयारी की है। श्रमिकों को झारखंड से जम्मू व चंडीगढ़ तक रेलगाड़ियों में लाया जाएगा। इसके बाद उन्हें वहां से लद्दाख भेजने का बंदोबस्त किया जाएगा। लद्दाख से भारतीय वायुसेना के विमान सीधे लद्दाख के लिए उड़ान भरते हैं। लद्दाख पहुंचने पर सभी श्रमिकों को 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखना अनिवार्य होगा।

देश में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के कारण वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर बुनियादी ढांचा तैयार करने की सीमा सड़क संगठन की रफ्तार भी धीमी हो रही थी। अब देश के अन्य हिस्सों से श्रमिकों के पहुंचने ही विकास को गति मिलेगी। लद्दाख को शेष देश से जोड़ने वाले सीमा सड़क संगठन ने जारी वर्ष में सरहद के रखवालों के लिए लद्दाख की सड़कों को बेहतर व सुरक्षित बनाकर उन्हें देश सेवा के लिए मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा है।

चीन नहीं चाहता है कि लद्दाख में सेना का बुनियादी ढांचा और मजबूत हो, इस लिए वह क्षेत्र में सड़कें बनने का विरोध कर रहा है। विरोध को दरकिनार कर लद्दाख में विकास को गति देने की तैयारी है।

11 हजार श्रमिकों की जरूरत लद्दाख के ऊपरी हिस्सों में :

सीमा सड़क संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीआरओ को विकास प्रोजेक्टों पर काम करने के लिए 15 हजार श्रमिक चाहिए। इनमें से 11 हजार श्रमिकों की जरूरत लद्दाख के ऊपरी हिस्सों में है। लेह व हुंदर में 3000 श्रमिक चाहिए। खाली लेह व हुंदर में सात हजार श्रमिकों की जरूरत होती है, इसमें सिर्फ दो हजार स्थानीय मजदूर हैं, जिनके सहारे काम चल रहे हैं। हमें अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर से आने वाले श्रमिकों पर निर्भर होना पड़ता है। 

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