कश्मीर में नार्को टेररिज्म माड्यूल के चार सदस्य गिरफ्तार
राष्ट्रीय जाच एजेंसी (एनआइए) ने नार्काे टेरेरिज्म माड्यूल के चार सदस्यों को सोमवार को कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद एनआइए ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्रीनगर से तीन दिन का ट्राजिट रिमाड भी ले लिया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: राष्ट्रीय जाच एजेंसी (एनआइए) ने नार्काे टेररिज्म माड्यूल के चार सदस्यों को सोमवार को कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद एनआइए ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्रीनगर से तीन दिन का ट्राजिट रिमाड भी ले लिया है। सभी को जम्मू ले जाया जा रहा है। इस माड्यूल के सात सदस्य पहले ही पकड़े जा चु़के हैं। पकड़े गए आरोपित पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी करते थे। इसके बाद से जम्मू कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में आपूर्ति करते थे। इससे उगाही गई रकम को जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों के पास पहुंचाया जाता था।
नार्काे टेरेरिज्म माड्यूल के सोमवार को पकड़े गए चार सदस्यों में अल्ताफ अहमद शाह, शौकत अहमद पर्रे, मुदस्सर अहमद डार और अमीन अले उर्फ हिलाल मीर हैं। अल्ताफ गादरबल जिले में क्षीर भवानी इलाके का रहने वाला है। शौकत बाडीपोरा और अमीन अले दक्षिण कश्मीर में संगम बिजबेहाड़ा का निवासी है। मुदस्सर डार शोपिया का है। यह चारों कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन व लश्कर-ए-तैयबा के लिए नशीले पदार्थो की तस्करी के जरिए पैसे का बंदोबस्त करने वाले माड्यूल का हिस्सा हैं। इस माड्यूल का सबसे पहले पर्दाफाश 11 जून, 2020 को हंदवाड़ा में हुआ था। कुपवाड़ा पुलिस ने लश्कर से जुड़े तीन तस्करों इफ्तिखार अंद्राबी, अब्दुल मोमिन पीर और इकबाल उल इस्लाम को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 21 किलोग्राम हेरोइन, 1.34 करोड़ रुपये की नकदी, नोट गिनने की मशीन व अन्य सामान बरामद किया था। बाद में इनके तीन अन्य साथी और पकड़े गए। इस माड्यूल का पर्दाफाश कुपवाड़ा में अब्दुल मोमिन पीर की गाड़ी की तलाशी के दौरान 20 लाख रुपये की नकदी और दो किलो हेरोइन की बरामदगी से हुआ था। एनआइए ने इस मामले का जिम्मा 20 जून 2020 को संभाला था। पाच दिसंबर, 2020 को एनआइए ने इस मामले में छह आरोपितों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दायर किया था।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से हुई पूछताछ के आधार पर ही उनके चार और साथियों को पकड़ा गया है। इन लोगों को गिरफ्तार करने से पहले उनकी गतिविधियों की कुछ दिन निगरानी की गई और कुछ अहम सुबूत जुटाए गए। इसके बाद गिरफ्तारी हुई है। यह सभी लश्कर-हिजबुल के नार्काे टेरेरिज्म में पूरी तरह सक्रिय थे। गिरफ्तारी के बाद सभी को अदालत में पेश किया गया।