Jammu Kashmir: महबूबा का ट्वीटर हैंडल फिर सक्रिय, बेटी इल्तिजा ने संभाली कमान

उन्होंने 18 सितंबर को केंद्रीय गृह सचिव और जम्मू-कश्मीर गृह सचिव को पत्र लिखकर मां की आेर से कुछ जानकारी मांगी थी लेकिन दो दिन बाद भी इसका कोई जवाब नहीं मिला।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 05:29 PM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 11:32 AM (IST)
Jammu Kashmir: महबूबा का ट्वीटर हैंडल फिर सक्रिय, बेटी इल्तिजा ने संभाली कमान
Jammu Kashmir: महबूबा का ट्वीटर हैंडल फिर सक्रिय, बेटी इल्तिजा ने संभाली कमान

श्रीनगर, जेएनएन। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती लगभग डेढ़ माह बाद ट्वीटर पर फिर सक्रिय हो गई हैं। वह अपना ट्वीटर हैंडल खुद नहीं, बल्कि उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती संभाल रही हैं। इल्तिजा ने केंद्रीय गृह सचिव और राज्य सचिव को लिखे अपने पत्र भी अपलोड किए हैं, इनमें उन्होंने अपनी मां की तरफ से राज्य में पांच अगस्त के बाद से बंदी बनाए लोगों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया है। महबूबा की बेटी ने दावा किया है कि दो दिन बीत जाने के बावजूद उसे केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। गौरतलब है कि महबूबा और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला सहित कई राजनीतिक नेताओं और अलगाववादियों को नजरबंद रखा गया है। हालांकि, अब कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, इसके बावजूद इन राजनीतिज्ञों को कब रिहा किया जाएगा इस बारे में कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया जा रहा है।

पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव और जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का बिल पारित किए जाने के बाद प्रशासन ने पूरी वादी में एहतियात के तौर पर टेलीफोन व इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह ठप कर दिया था। इसके बाद भी कुछ समय तक महबूबा का ट्वीटर हैंडल कुछ समय तक सक्रिय रहा था। इसी दौरान पता चला कि पूर्व मुख्यमंत्री का ट्वीटर हैंडल उनकी बेटी इल्तिजा ही संभालती हैं। यह ट्वीटर हैंडल बीते माह से बंद पड़ा था और शुक्रवार को अचानक सक्रिय हो गया। इल्तिजा ने अपनी मां के ट्वीटर हैंडल को फिर से क्रियाशील बनाते हुए उनके प्रशंसकों व समर्थकों को बताया कि वह अपनी मां के रिहा होने तक इसका संचालन करेंगी।

इल्तिजा ने लिखा है कि अपनी मां के केंद्रीय गृह सचिव और राज्य गृह सचिव को दो दिन पूर्व लिखे पत्र को ट्विटर अकाउंट पर अपलोड करते हुए दावा किया है कि वह किसी तरह के राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं रखती और न कोई सियासत करना चाहती हैं। वह जो भी इस पत्र में पूछ रही हैं, सिर्फ अपनी मां की तरफ से, उनके आग्रह पर ही पूछ रही हैं। उसने कहा कि मेरी मां जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री रही हैं, वह एक सियासी नेता हैं और एक पंजीकृत राजनीतिक दल की अध्यक्ष भी हैं।

केंद्रीय गृह सचिव और राज्य के गृह सचिव को 18 सितंबर को लिखे अपने पत्र में इल्तिजा ने बताया है कि मेरी मां महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त 2019 से हिरासत में रखा गया है। सर्वाेच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही बीते सप्ताह मेरी अपनी मां से कुछ मुलाकातें हुई हैं। हिरासत में रहते हुए मेरी मां को न अखबार मिल रहा है और न उन्हें उनकी पार्टी के किसी सदस्य या स्टॉफ द्वारा उन्हें किसी तरह के राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्हें सिर्फ परिवार के सदस्यों से जिनमें मैं भी शामिल हूं, मिलने दिया गया है। उन्हें अपने साथियों से मुलाकात नहीं करने दी जा रही है।

इल्तिजा ने पत्र में लिखा है कि मुलाकात के समय मेरी मां ने राष्ट्रपति द्वारा जारी संवैधानिक आदेश और जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का बिल पास किए जाने के बाद वादी में गिरफ्तारियों विशेषकर बच्चों को हिरासत में लिए जाने के मामलों पर गहरी ङ्क्षचता व्यक्त की है। रियासत के एक प्रमुख सियासी दल की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने मुझे इस संदर्भ में आपसे जानकारी प्राप्त करने को कहा है।

नजरबंद लोगों से जुड़ी मांगी कई जानकारियां

महबूबा की बेटी ने अपने पत्र में लिखा है कि उनकी मां ने पांच अगस्त के बाद से राज्य में हिरासत में लिए गए, नजरबंद किए गए लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी का आग्रह किया है। इनमें कितने नाबालिग हैं, कितनी महिलाएं हैं, नाबालिगों में कौन 12-15 साल के आयु वर्ग में हैं। कितने लोगों को राज्य से बाहर की जेलों में स्थानांतरित किया गया है, किस जिले से कितने लोग पकड़े गए हैं, कितने लोग रिहा किए गए हैं, कितने लोगों की हिरासत में मौत हुई है, कितने लोगों को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाया गया। ऐसे कितने लोग हैं, जिन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद अपने परिजनों या जानने वालों से मुलाकात का मौका नहीं दिया गया, जिन लोगों के बारे में अदालत में हैबस कार्पस दायर होने पर नोटिस जारी हुए हुए, अदालत के आदेश पर रिहा होने वाले लोगों के बारे में जिला, तहसील, थाना स्तर पर पूरा ब्यौरा अलग अलग वर्गाें में मांगा है। पत्र में राज्य के उन इलाकों का भी ब्यौरा मांगा है, जहां सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रशासनिक पाबंदियां लागू हैं। प्रशासनिक पाबंदियां कहां, कब लगाई गई हैं, इस संदर्भ में जारी आदेश भी बताए जाएं।

जानकारी नहीं मिली तो पत्र किया वायरल

इल्तिजा ने कहा कि अपने इस पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए लिखा है कि मैंने आपसे तीन दिनों के भीतर जानकारी मांगी थी। आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं आने के बाद ही मैंने इसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करने का फैसला किया है ताकि किन्हीं कारणों से अगर आपको यह पत्र न मिला हो तो इस तरह से मिल जाए। कृपा कर इस पत्र की प्राप्ति को स्वीकार करें।

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