उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर के लिए खुद को समर्पित करें छात्र

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों की खुलकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि यहां के विद्यार्थियों की यह बड़ी काबिलीयत ही है जो वह देश भर में बड़े उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 05:09 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 05:09 AM (IST)
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर के लिए  खुद को समर्पित करें छात्र
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर के लिए खुद को समर्पित करें छात्र

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों की खुलकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि यहां के विद्यार्थियों की यह बड़ी काबिलीयत ही है जो वह देश भर में बड़े उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया है।

श्रीनगर में एसकेआइसीसी में आयोजित इस्लामिक यूनिवíसटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालाजी (आइयूएसटी) के पहले दीक्षांत समारोह में उपराज्यपाल ने विद्यार्थियों का खूब हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र का विकास प्रदेश सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। समारोह में 163 स्वर्ण पदक विजेताओं समेत सात हजार विद्यार्थियों को डिग्री दी गई है। इसके अलावा 14 शोधाíथयों को पीएचडी और एमफिल की डिग्री भी प्रदान की गई है।

छात्रों को आत्मनिर्भर जम्मू कश्मीर बनाने में खुद को समर्पित करने का आह्वान करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यहां के छात्र अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। तभी तो देश के विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों में जम्मू कश्मीर के छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए विज्ञान एवं प्रबंधन कपंनियों, अनुसंधान संस्थानों, प्रौद्योगिकी संस्थानों व सेवाओं भी इसमें शामिल किया जाएगा। भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी दक्षता को बढ़ाना होगा। शिक्षा का मतलब खोज, नवाचार जरूरी

उपराज्यपाल ने कहा कि शिक्षा सिर्फसूचनाएं जमा करने या सीखने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मतलब खोज भी है। राष्ट्र को पूरे विश्व में ताकतवर बनाने के लिए नई पीढ़ी को रचनात्मक व सकारात्मक गतिविधियों में लगाना होगा। नैतिक शिक्षा पर जोर देना होगा। नई शिक्षा नीति पूरी शिक्षा प्रणाली को समग्र बनाने पर जोर देती है। इसमें विज्ञान, तकनीक और प्रबंधन से जुड़े छात्र बदलते समय के मुताबिक अपना योगदान कर सकते हैं। शिक्षा जीवन में सिद्धांतों को अपनाना भी सिखाती है। थ्योरी की मानसिकता से बाहर आना होगा

उपराज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में नवाचार के जरिए ही दूसरों का मुकाबला कर सकते हैं। आज के इंटेलीजेंट, रिफ्लेक्टिव और कंपैशिनेट छात्र नवाचार के इंजन की तरह काम कर रहे हैं। छात्रों और शोधाíथयों को थ्योरी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। खुद को बदलते परिवेश के मुताबिक बनाना होगा। चौथी औद्योगिक क्राति में तकनीकी बदलाव का स्तर और संभावना बहुत ज्यादा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट आफ थिंग्स, स्वचालित वाहन, थ्री डी छपाई, नैनो टेक्नोलाजी, बायो टेक्नोलाजी, वस्तु विज्ञान, ऊर्जा भंडार, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी कई नई प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रहेगी। यह नई नौकरियों और स्वरोजगार के कई अवसर भी पैदा करेंगी। हमें ज्ञान को धन में भी बदलना है।

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