Kashmir में उपजे हालात के बीच दिल्ली बुलाए गए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

शनिवार को वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह जम्मू कश्मीर के संदर्भ प्रस्तावित सुरक्षा समीक्षा बैठक में भी हिस्सा लेंगे। हालांकि बीते वीरवार को भी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक हुई है

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 08:05 AM (IST)
Kashmir में उपजे हालात के बीच दिल्ली बुलाए गए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा को दिल्ली से गृहमंत्रालय की तरफ से शनिवार की बैठक के लिए सूचित किया गया।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर आतंकी हमलों में आई तेजी से उपजे हालात के मददेनजर केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को दिल्ली बुलाया है। वह नौ अक्टूबर शनिवार को वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह जम्मू कश्मीर के संदर्भ प्रस्तावित सुरक्षा समीक्षा बैठक में भी हिस्सा लेंगे। हालांकि बीते वीरवार को भी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक हुई है, लेकिन उसमें उपराज्यपाल मनोंज सिन्हा और जम्मू कश्मीर पुलिस का कोई भी आलाधिकारी मौजूद नहीं था।

सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को आज दोपहर करीब तीन बजे दिल्ली से गृहमंत्रालय की तरफ से शनिवार की बैठक के लिए सूचित किया गया। इसके कुछ समय बाद उन्होंने मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता व जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह से हालात की जानकारी ली और शाम को दिल्ली रवाना होने की सूचना है। अलबत्ता, अधिकारिक तौर पर उनके दिल्ली पहुंचने की देर रात तक पुष्टि नहीं हुई थी।

गृहमंत्री के साथ उनकी बैठक शनिवार दोपहर बाद होने की संभावना है, क्योंकि वह गुजरात दौरे पर हैं और उनके शनिवार को 12 बजे के करीब लौटने की सूचना है। बैठक में जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, जम्मू कश्मीर पुलिस के खुफिया विंग के प्रमुख आरआर स्वैन, जम्मू कश्मीर के गृह सचिवायुक्त शालीन काबरा के अलावा मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता भी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने हाल ही में हुई नागरिक हत्याओं से विशेषकर अल्पसंख्यकों की हत्या के बाद से वादी से पलायन की सूचनाओं का कड़ा नोटिस लिया है। केंद्र सरकार का मानना है कि अगर एक भी अल्पसंख्यक आतंकियों के डर से कश्मीर छोडता है तो वादी में हालात सुधारने के लिए की गई सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल को बुलाने से पूर्व केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अपने स्तर पर सभी केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से भी कश्मीर के हालात पर फीडबैक प्राप्त किया है।

उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार को आतंकियों ने कश्मीर में तीन लोगों की हत्या की थी। इनमें एक कश्मीर पंडित मक्खन लाल बिंदरु और एक बिहार का श्रमिक वीरेंद्र पासवान था। एक अन्य उत्तरी कश्मीर का टैक्सी यूनियन प्रधान था। गत वीरवार को आतंकियों दो गैर मुस्लिम अध्यापकों को चिन्हित कर मौत के घाट उतारा है।

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