Cyber Crime In Kashmir : श्रीनगर में केवाइसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिफ्तार

Cyber Crime In Kashmir साइबर पुलिस श्रीनगर ने मामले की जांच शुुरु की तो श्रीनगर के साथ सटे न्यू थीड हारवन में किराए किए मकान में रहने वाले मोहम्मद हांजला बेग और मोहम्मद रजाब खान के पास जा पहुंची। यह दोनों ही दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:51 AM (IST)
Cyber Crime In Kashmir : श्रीनगर में केवाइसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिफ्तार
उन्हाेंने जो बैंक खाते खुलवाए हैं, वह दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर की कुछ बेसहारा महिलाओं के नाम पर हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर पुलिस के साइबर विंग ने आम लोगों को सिम कार्ड के बंद होने का डर दिखाकर उनके केवाइसी (Know Your Customer) को अपडेट करने की आड़ में उनके बैंक खाते से लाखों रूपये उड़ाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है। पुलिस ने गिरोह के दो कश्मीरी सदस्यों को भी पकड़ लिया है जबकि उनके अन्य साथियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

पकड़े गए आरोपित ठगों के पास से सात मोबाइल फोन, 13 सिमकार्ड, विभिन्न बैंकों के 47 एटीएम व क्रेडिट कार्ड, चार चेक बुक, छह खाली चेक, सात पासबुक और अन्य कई दस्तावेज मिले हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन कश्मीर जोन, श्रीनगर में बीते कुछ दिनों के दौरान कई लोगों ने केवाइसी काे अद्यत किए जाने की आड़ में अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरु की तो पता चला कि पीड़ितों को अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया है या फिर एसएमएस। इसमें वह पीड़ितों को सूचित करते हुए केवाइसी को अपडेट करने के लिए कहता है।

कभी किसी को मोबाइल सिम के लिए केवाइसी अपडेट करने के लिए कहा जाता है तो कभी किसी को बैंक खाते के लिए। इसके साथ ही उनहें कहा जाता है कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो सिमकार्ड या बैंक खाता बंद हो जाएगा। फोन करने वाला या संदेश भेजने वाला एक नंबर भी भेजता है और कहता है कि जियो कस्टमर केयर पर संपर्क करें। दिया गया नंबर जिया केयर का नहीं होता बल्कि गिरोह के किसी सदस्य का होता है और आम आदमी समझता है कि यह जियाे कस्टमर केयर का नंबर है। जो इस कॉल को सही समझ कर फोन करता है, वह गिरोह के जाल में फंस जाता है।

गिरोह के सदस्य उसके साथ फोन पर बात करते हुए उसे जियो ऐप या फिर किसी अन्य मोबाइल ऐप के जरिए पांच-दस रुपये का रिचार्ज करने को कहता है और इस दौरान वह क्विक स्पाेर्ट, टीम व्यूर या फिर एनी डेस्क जैसे किसी ऐप के जरिए अपने शिकार के फोन या कंपयूटर को संचालन अपने पास लेकर सारा डाटा लेता है और फिर कुछ समय बाद ही बैंक से निकासी शुरु हो जाती है।

साइबर पुलिस श्रीनगर ने मामले की जांच शुुरु की तो श्रीनगर के साथ सटे न्यू थीड हारवन में किराए किए मकान में रहने वाले मोहम्मद हांजला बेग और मोहम्मद रजाब खान के पास जा पहुंची। यह दोनों ही दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जब पूछताछ की तो उन्होने अपना अपराध कबूल कर लिया। उन्हाेंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश, बिहार व देश के अन्य राज्यों में सक्रिय एक साईबर ठग गिरोह के सदस्य हैं। उन्होंने कश्मीर में भी विभिन्न बैंकों में फर्जी तरीके से खाते खुलवा रखे हैं।

इन खातों के आधार पर प्राप्त किए गए बैंक एटीएम कार्ड उन्होंने देश के अन्य राज्यों में सक्रिय गिरोह के अन्य सदस्यों को दिए हैं। जैसे ही इन खातों में पैसा पहुंचता है, एटीएम के आधार पर उसकी निकासी कर ली जाती है। कश्मीर में उन्हाेंने जो बैंक खाते खुलवाए हैं, वह दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर की कुछ बेसहारा महिलाओं के नाम पर हैं। उन्हें आरोपितों ने कुछ वित्तीतय मदद प्रदान की और उसके आधार पर उनके बैंक खाते खुलवाए।

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