दिलबाग सिंह ने कहा-कश्मीर में अभी छिपे हैं विदेशी आतंकी

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ में कमी जरूर आई है लेकिन यह कहना सही नहीं है कि विदेशी आतंकियों का सफाया हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:44 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:44 AM (IST)
दिलबाग सिंह ने कहा-कश्मीर में अभी छिपे हैं विदेशी आतंकी
दिलबाग सिंह ने कहा-कश्मीर में अभी छिपे हैं विदेशी आतंकी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ में कमी जरूर आई है, लेकिन यह कहना सही नहीं है कि विदेशी आतंकियों का सफाया हो गया है। आज भी घाटी के विभिन्न इलाकों में कई विदेशी आतंकी छिपे हैं, लेकिन वह किन्हीं खास कारणों से ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। ये आतंकी अपने ठिकानों पर छिपे रहने को मजबूर हैं।

सोपोर में एक विदेशी आतंकी समेत लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मौजूदा साल में अब तक सिर्फ दो ही विदेशी आतंकी मारे गए हैं और यह दोनों ही सोपोर में मारे गए हैं। इनमें से एक आतंकी सोमवार को मारा गया है। यह दोनों ही लश्कर से जुड़े हुए थे। कश्मीर में आज भी अच्छी खासी तादाद में विदेशी आतंकी हैं। इनमें से ज्यादातर उत्तरी कश्मीर में ही हैं। यह आतंकी इस समय अपने ठिकानों पर ही छिपे रहने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं, कभी किसी खास जगह कोई सनसनीखेज वारदात के समय ही ठिकाने से बाहर निकलते हैं। इसलिए यह कहना गलत होगा कि कश्मीर में विदेशी आतंकी पूरी तरह समाप्त हो गए हैं। संघर्ष विराम से घुसपैठ पर लगा अंकुश

प्रेस कांफ्रेंस में सेना की किलो फोर्स के मेजर जनरल एचएस साही की मौजूदगी में डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जंगबंदी की दोबारा बहाली का असर घुसपैठ पर भी पड़ा है। इससे आतंकियों की घुसपैठ में बड़ी कमी आई है। जंगबंदी लागू होने के बाद सरहदी इलाकों में तैनात जवानों ने घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले इलाकों में अपना ध्यान केंद्रित किया है। घुसपैठ के कई रास्तों को बंद किया गया है। सरहद पर ड्रोन साजिश से निपट रहे

दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकियों की घुसपैठ में कमी के साथ-साथ बीते कुछ समय के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन की जरिए हथियार व नशीले पदार्थो की तस्करी के मामले भी सामने आए हैं। पुलिस ने साबा सेक्टर के अलावा कुपवाड़ा में बीते दिनों बड़ी मात्रा में हथियार व नशीले पदार्थ बरामद किए हैं। यह सभी ड्रोन के जरिए गिराए गए थे, लेकिन हमने ड्रोन की साजिश से निपटने की तकनीक को अपनाया है और इन घटनाओं पर भी काबू पाया है। श्रीनगर में तेज होगा आतंकरोधी अभियान

ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आतंकियों की उपस्थिति के बारे में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि श्रीनगर शहर के कुछ युवा इस समय विभिन्न आतंकी संगठनों में सक्रिय हैं। यह शहर के बाहरी हिस्सों में सक्रिय हैं। आप श्रीनगर में शत-प्रतिशत तौर पर आतंकियों की मूवमेंट को बंद नहीं कर सकते, लेकिन आने वाले दिनों में श्रीनगर में आतंकरोधी अभियानों में तेजी देखेंगे। हम श्रीनगर में सक्रिय सभी आतंकियों को पकड़ लेंगे या फिर किसी मुठभेड़ में मार गिराएंगे। लोगों को राहत मिली है: डीजीपी

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मुदस्सर, खुर्शीद व असरार के मारे जाने को बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि तीनों ही लश्कर के नामी कमाडर थे। मुदस्सर व असरार के खिलाफ विभिन्न थानों में करीब दो दर्जन और खुर्शीद के खिलाफ छह एफआइआर दर्ज हैं। यह सुरक्षाबलों पर फायरिंग, पूर्व आतंकियों, पंच-सरपंचों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को धमकाने, उनक साथ मारपीट व कई नागरिक हत्याओं में भी लिप्त थे। मारे जा चुके आतंकी के घर बनाया था ठिकाना: आइजीपी

कश्मीर रेंज के आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि मारे जा चुके एक आतंकी के स्वजन ने ही मुदस्सर, असरार और खुर्शीद के लिए अपने मकान में ठिकाना उपलब्ध करा रखा था। उन्होंने सभी आतंकियों के स्वजन को चेतावनी दी है कि वह उनका न साथ दें और न ही शरण। पोस्टरों से मिली मदद

कश्मीर रेंज के आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि मुदस्सर और खुर्शीद के पोस्टर पुलिस ने बीते दिनों सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में जारी किए थे। इससे पुलिस को इन आतंकियों के बारे में कई अहम सुराग मिले। इसमें सोपोर के कई लोगों ने सहयोग किया। अभिभावक नजर रखें बच्चों पर

आइजीपी ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों की लगातार निगरानी रखनी चाहिए। दुश्मन ताकतें कश्मीर के बच्चों और नौजवानों को नशे व आतंकवाद की तरफ धकेल रही हैं। वह इंटरनेट मीडिया का भी दुरुपयोग कर रही हैं।, स्थानीय-विदेशी आतंकी नेटवर्क तोड़ना जरूरी: जीओसी किलो फोर्स

सेना की किलो फोर्स के जीओसी मेजर जनरल एचएस साही ने कहा कि सोपोर अभियान काफी मुश्किल था। आतंकी घनी आबादी वाले इलाके में छिपे हुए थे। उन्होंने कहा कि इस समय हमारा ध्यान स्थानीय और विदेशी आतंकियों के आपसी नेटवर्क को पूरी तरह तबाह करने पर है। कश्मीर में हिंसा के दुष्चक्र को समाप्त करने के लिए यह जरूरी है। आम लोगों को इसमें सहयोग देना होगा। हम नए आतंकियों की भर्ती पर अंकुश लगाने को भी प्रयासरत हैं। आतंकी हथियार डालें या फिर मरने को तैयार रहें

मेजर जनरल एचएस साही ने कहा कि हम किसी पर गोली नहीं चलाना चाहते। हमारा प्रयास है कि सभी स्थानीय युवक जो गुमराह होकर आतंकी बन गए हैं, मुख्यधारा मे लौट आएं। अगर वह बंदूक नहीं छोड़ेंगे तो उनका हश्र में भी सोपोर में मारे गए तीन आतंकियों जैसा ही होगा।

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