New Kashmir : कश्‍मीरी छात्रों ने बयां की बदलाव की कहानी - सेना दिखा रही राह, युवा सच कर रहे सपने

कश्मीर में सेना युवाओं को राह दिखा रही है और युवा सपने सच करने में जुटे हैं। सेना के सुपर-30 के माध्यम से मंजिल पाने में जुटे युवाओं ने बदलाव की इबारत को सबसे साझा किया। इन युवाओं के अनुसार पत्थरबाजी अतीत था पर अब युवा आगे बढऩा चाहता है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:10 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 07:45 AM (IST)
New Kashmir : कश्‍मीरी छात्रों ने बयां की बदलाव की कहानी - सेना दिखा रही राह, युवा सच कर रहे सपने
चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने कहा कि अब कश्मीरी युवा राष्ट्रविरोधी तत्वों के झांसे में नहीं आएगा।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर बदल रहा है। सेना युवाओं को नई राह दिखा रही है और कश्मीरी युवा सपने सच करने में जुटे हैं। सेना के सुपर-30 (Super 30) के माध्यम से अपनी मंजिल पाने में जुटे युवाओं ने बदलाव की इबारत को सबसे साझा किया। इन युवाओं के अनुसार पत्थरबाजी अतीत था, पर अब कश्मीरी युवा आगे बढऩा चाहता है, अपना भविष्य संवारना चाहता है।

यहां बता दें कि सेना जम्मू कश्मीर में विश्वास बढ़ाने वाली गतिविधियों के साथ युवाओं का भविष्य भी संवार रही है। इसी के तहत सेना की सुपर-30 के माध्यम से राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (NEET) के लिए कोचिंग दी जाती है। सोमवार को देशभर के मेडिकल कालेजों में प्रवेश पाने वाले छात्रों के सम्मान में सेना ने कार्यक्रम आयोजित किया था। चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने समारोह की अध्यक्षता की।

छात्र फैजान ने कहा कि आज हमारे सीनियर्स को मेडल मिले हैं। मैं अभी यहां कोचिंग ले रहा हूं और एक से डेढ़ माह मे हमारा भी रिजल्ट आएगा और फिर हमेें भी यहां सबके सामने मेडल पहनाया जाएगा।

उसने कहा कि आज की सच्चाई यही है कि कश्मीरी युवा अब अपना भविष्य संवारना चाहता है। भले ही शिक्षा हो या खेल, उसे अपने गले में सफलता का मेडल चाहिए। कोई अब पत्थरबाजी नहीं करना चाहता, क्योंकि हकीकत समझ आ चुकी है और जो अब भी सच नहीं समझेेंगे, आगे पछताएंगे। सेना हमारी हिफाजत के लिए है, हमारा भविष्य संवारने के लिए है।

 उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा के छात्र सैयद का कहना है कि पिता के निधन के बाद उसके लिए कोचिंग लेना संभव नहीं था। ऐसे में सेना का यह कार्यक्रम उसके लिए वरदान बनकर आया। बांडीपोर के मुबस्सिर हुसैन के अनुसार सेना ने 11 महीने तक उनका रहने-खाने और कोचिंग का इंतज़ाम किया और ऐसा अवसर प्रदान किए, जिससे उसका भविष्य रोशन हो सकेगा।

#Indianarmypeoplesarmy felicitated students (Ist & IInd Batch) of #Kashmir Super 30 (Medical) undergoing MBBS Course with CRS partners @HPCL & @NIEDO. An initiative for underprivileged students preparing for NEET exam.#Nayakashmir#ShiningJammuKashmir@adgpi@ChinarcorpsIA pic.twitter.com/LkfAcUveFH

— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) September 20, 2021

अब झांसे में नहीं फंसेगा कश्मीरी युवा

चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने कहा कि अब कश्मीरी युवाओं ने राष्ट्रविरोधी तत्वों के झांसे में आकर पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेना छोड़ दिया है। अब वह अपनी ऊर्जा को अपना भविष्य संवारने और राष्ट्र निर्माण मेें लगा है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद अपने नौजवानों को शरारती तत्वों से बचाना है, उन्हें सच्चाई से अवगत कराना है ताकि वह गलत रास्ते पर न जाएं। कोई भी मां-बाप नहीं चाहता कि उसके बेटे के हाथ में पत्थर हों, बंदूक हो।

सुपर 30 में होनहार छात्रों को कोचिंग दिलाती है सेना

सुपर 30 कार्यक्रम के तहत हर वर्ष जम्मू कश्मीर के होनहार छात्रों के लिए निश्शुल्क कोचिंग की व्यवस्था करती है। पात्र युवाओं के चयन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। 12वीं की परीक्षा में 60 फीसद अंक हासिल करने वाले छात्र यह परीक्षा दे सकते हैं। इसके अलावा परिवार की सालाना आय साढ़े तीन लाख रुपये से कम हो।

2018 में शुरू हुआ था पहला बैच

जून 2018 में शुरू किए गए सुपर-30 के पहले बैच में शामिल होने के लिए 1400 छात्रों ने परीक्षा दी थी। 2019 में खराब हालात के बावजूद 3000 से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल होने के लिए आए। 2020 में कोरोना महामारी के बावजूद यह आंकड़ा बढ़ कर 4000 के पार चला गया। यहां से कोचिंग पाकर 68 युवा विभिन्न मेडिकल कालेजों में चुने गए हैं।

अब 20 छात्राओं को भी मिलेगी कोचिंग

सुपर 30 में केवल लड़कों के लिए ही कोचिंग की व्यवस्था थी। लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय के अनुसार अब 20 छात्राओं को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगले एक माह में लड़कियों का चयन कर लिया जाएगा और इस कार्यक्रम का नाम सुपर 50 हो जाएगा।

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