Jammu Kashmir : डा. फारुक अब्दुल्ला न लड़ें चुनाव, हमारा समर्थन करें तोे नहीं बटेगा मुश्लिम वोट : लोन

सज्जाद गनी लोन ने कहा कि अगर डॉ. फारूक अब्दुल्ला को लगता है कि मुस्लिम वोट बंट जाएंगे तो उन्हें व उनकी पार्टी काे चुनाव नहीं लड़ना चाहिए बल्कि मुस्लिम वोट एक पार्टी के लिए जमा रखने के लिए उन्हेें हमारा समर्थन करना चाहिए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 11:08 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 11:08 AM (IST)
Jammu Kashmir : डा. फारुक अब्दुल्ला न लड़ें चुनाव, हमारा समर्थन करें तोे नहीं बटेगा मुश्लिम वोट : लोन
कश्मीर में खानदानी सियासत बहुत हो चुकी है। अब दूसरों को भी मौका मिलना चाहिए।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन के चेयरमैन डा. फारूक अब्दुल्ला को राजनीति से सन्यास लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर डा. फारूक अब्दुल्ला यह मानते हैं कि कश्मीर में नए राजनीतिक दलों का गठन मुस्लिम वोटों के विभाजन का कारण बन रहा है तो उन्हें चाहिए कि वह सियासत छोड़ दें, हमारा समर्थन करें। हम उनका समर्थन लेने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि श्रीनगर में शनिवार को डा. फारूक अब्दुल्ला ने एक बयान में दावा किया है कि कश्मीर में मुस्लिमों के वोट विभिन्न दलों में बांटे जाने की साजिश हो रही है।

श्रीनगर में पीपुल्स कांफ्रेंस मुख्यालय में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व महासचिव निजामदीन बट के पीपुल्स कांफ्रेंस में शामिल होने के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में सज्जाद गनी लोन ने कहा कि अगर डॉ. फारूक अब्दुल्ला को लगता है कि मुस्लिम वोट बंट जाएंगे तो उन्हें व उनकी पार्टी काे चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, बल्कि मुस्लिम वोट एक पार्टी के लिए जमा रखने के लिए उन्हेें हमारा समर्थन करना चाहिए। मैं पट्टे पर लिखकर देता हूं कि वह जो कहेंगे, मैं करने को तैयार हूं। उन्होंने यह प्रतिक्रिया डा. फारुक नगीन में एक पत्रकार के साथ बातचीत में दिए गए उस बयान पर व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दलों को एकजुट होना चाहिए ताकि मुस्लिम वोट न बंटे। यहां कई नए राजनीतिक दल सामने आ रहे हैं और उनमें मुस्लिमों के वोट बंट जाएंगे।

पीपुल्स लाेने के चेयरमैन ने कहा कि कश्मीर में नेशनल कांफ्रेेंस ही अधिकांश समय तक सत्ता में रही है। इसके अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी सत्ता का लाभ लेती रही है। कुछ खास वर्गों ने ही यहां सिर्फ अपने लाभ के लिए सियासत की और सत्ता में बने रहे। यह वह लोग हैं जो नहीं चाहते कि आम कश्मीर भी सत्ता का लाभ लेें। डॉ. फारू अब्दुल्ला को नए दलों का समर्थन करना चाहिए। कश्मीर में खानदानी सियासत बहुत हो चुकी है। अब दूसरों को भी मौका मिलना चाहिए। नए चेहरों को अागे आना चाहिए।

लोन ने कहा कि यहां हरेक जानता है कि नेकां के तीन पीड़ियों ने जम्मू कश्मीर पर हुकूमत की है और लोगों को क्या मिला। उन्होंने कहा कि पीपुल्स कांफ्रेस कोई नया राजनीतिक दल नहीं है, यह 45 साल पुराना दल है। हम यहां सत्ता के लिए नहीं लड़ रहे हैं। हम जम्मू कश्मीर के हितों के लिए, जम्मू कश्मीर के नागरिकों के सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता। जम्मू कश्मीर के नागरिकों का जो हक है, वह उनसे छीना गया है, हमें यह हक वापस चाहिए।

पूर्व विधायक निजामदीन बट कहा- उनकी घर वापसी हुई : पूर्व विधायक निजामदीन बट के पीपुल्स कांफ्रेंस में शामिल होने पर लोन ने कहा कि यह तो उनकी घर वापसी है। सभी जानते हैं कि उनका राजनीतिक कैरियर पीपुल्स कांफ्रेेस से ही शुरू हुआ था। वह पीडीपी में चले गए थे, अब घर आए हैं। उनके आने से पीपुल्स कांफ्रेेस को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में फायदा होगा। पीडीपी छोड़ पीपुल्स कांफ्रेेंस का हिस्सा बने निजामदीन बट ने कहा कि जिस मकसद के साथ दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ मिलकर हम लोगों ने पीडीपी को बनाया था, आज पीडीपी उस मकसद से भटक चुकी है।

पीडीपी में लोकतंत्र नहीं रहा है। अव्यावहारिक मुददों पर जिनसे कश्मीर का भला नहीं होने वाला, उनका ढोल पीटा जा रहा है। इसलिए मैंने पीडीपी छोड़ी है। मैंने सज्जाद गनी लोन को बचपन से देखा है, पीपुल्स कांफ्रेेस के गठन में मैैं उनके पिता स्व अब्दुल गनी लोन के साथ था। वह मेरे बहुत करीबी थे। मैने बीते सात-आठ साल के दौरान अनुभव किया है कि सज्जाद गनी लोन नारों की सियासत करने के बजाय व्यावहारिक और जमीनी मुद्दों पर सियासत करते हैं। उनके लिए जम्मू कश्मीर की बेहतरी मायने रखती है।

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