बहन की ढोली की जगह उठा आतंकी का जनाजा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में मुठभेड़ में मारे गए लश्कर आतंकी लियाक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 10:49 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 10:49 PM (IST)
बहन की ढोली की जगह उठा आतंकी का जनाजा
बहन की ढोली की जगह उठा आतंकी का जनाजा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में मुठभेड़ में मारे गए लश्कर आतंकी लियाकत की बहन की मंगलवार को ढोली उठनी थी, लेकिन घर से लियाकत का जनाजा उठा। लगभग दो माह से लापता लियाकत का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। परिजनों को उम्मीद थी कि वह बहन की शादी पर घर जरूर आएगा, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह ढोली को कंधा देने नहीं बल्कि अपने परिजनों का कंधा लेने घर आएगा।

हारवन, सोपोर का रहने वाला लियाकत अहमद लोन आठ जुलाई 2018 को अचानक घर से लापता हो गया था। तीन बच्चों का पिता लियाकत जब घर से निकला तो किसी को गुमान नहीं था कि वह आतंकी बन गया है। हालांकि इलाके में उसके आतंकी बनने की चर्चा थी, लेकिन किसी के पास कोई सुबूत नहीं था। पुलिस भी उसे जगह जगह तलाश रही थी। घरवाले एक ही उम्मीद में थे कि बहन की शादी पर लियाकत कहीं भी होगा, घर जरूर आएगा, क्योंकि वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था।

मंगलवार उसकी बहन की शादी थी। दोपहर बाद घर में बारात आनी थी और उसके बाद लियाकत की बहन को अपने ससुराल रुखसत होना था। घर में शादी की गहमा-गहमी थी। बारातियों के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। अचानक एक फोन आया और फिर शादी के गीत थम गए और खुशियां मातम में बदल गई, क्योंकि लियाकत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

घर में बारातियों के स्वागत की जगह घर में जनाजा निकलने की तैयारी शुरू हो गई। परिवार के कुछ बुजुर्ग और नौजवान सदस्य लियाकत का शव लेने हंदवाड़ा के लिए रवाना हो गए। उसके परिवार के एक सदस्य ने सिर्फ इतना ही कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह बंदूक का रास्ता चुनेगा। काश, उसने यह रास्ता न चुना होता तो आज उसके जनाजे को कंधा नहीं दिया जा रहा होता, उसकी बहन की शादी में मातम नहीं होता, वह अपनी बहन को ढोली में बैठा रहा होता।

------------------------ कई आतंकी वारदात में वांछित थे लियाकत और फुरकान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हंदवाड़ा मुठभेड़ में मारा गया लश्कर का आतंकी लियाकत अहमद लोन एक नाबालिग से दुष्कर्म और सोपोर में हुर्रियत नेता हकीम उर रहमान सुल्तानी की हत्या में भी लिप्त था। लियाकत के साथ मारा गया महज 18 साल का फुरकान भी एक दर्जन से ज्यादा वारदातों में पुलिस को वांछित था।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि लियाकत अहमद लोन उर्फ शाबा उर्फ उमर खालिद बीते कई सालों से आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। गत आठ जुलाई को आतंकवाद में पूरी तरह शामिल होने से पूर्व वह हिज्ब, जैश व लश्कर के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर भी काम करता था। वह पत्थरबाजी, आतंकियों की मदद करने, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में स¨लप्तता के चलते कई बार पकड़ा जा चुका है। उसके खिलाफ बोमई पुलिस स्टेशन में एक नाबालिग को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने का भी मामला दर्ज है। गत शनिवार को सोपोर में हुई हुíरयत नेता हकीम उर रहमान सुल्तानी की हत्या में भी वह लिप्त था। उसने यह वारदात लश्कर के दो अन्य आतंकियों गनी ख्वाजा और माजिद मीर के साथ मिलकर अंजाम दी थी।

लियाकत के साथ मारा गया लश्कर का दूसरा आतंकी फुरकान रशीद लोन उर्फ आदिल लोन पुत्र अब्दुल रशीद निवासी शरतपोरा हंदवाड़ा भी बीते एक साल से हंदवाड़ा और उसके साथ सटे इलाकों में सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। उसके खिलाफ पत्थराव, आतंकियों की मदद करने, मुख्यधारा की राजनीति से जुडे़ लोगों को धमकाने, सुरक्षाबलों पर हमले करने, पाकिस्तान समर्थक ¨हसक प्रदर्शनों का आयोजन करने के कई मामले दर्ज थे।

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