झेलम में डूब रहे हाउसबोट से परिवार के सभी चार सदस्यों को बचाया गया

बताया जाता है कि यह हाउसबोट काफी पुराना हो गया था और वजन भी अधिक था जिसके कारण यह डूब गया। गौरतलब है कि श्रीनगर में झेलम और डल में 1200 हाउसबोट हैं। इनमें से कई तो सालों पुरानी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:03 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:03 AM (IST)
झेलम में डूब रहे हाउसबोट से परिवार के सभी चार सदस्यों को बचाया गया
झेलम में डूब रहे हाउसबोट से परिवार के सभी चार सदस्यों को बचाया गया

संवाद सहयोगी, श्रीनगर: प्रसिद्ध झेलम दरिया में डूब रहे हाउसबोट में फंसी चार जिंदगियों को सुरक्षाबलों ने बचा लिया। सीआरपीएफ के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर हाउसबोट के मालिक, उसकी पत्नी और दो बच्चों को सुरक्षित निकाला है। बताया जाता है कि यह हाउसबोट काफी पुराना हो गया था और वजन भी अधिक था, जिसके कारण यह डूब गया। गौरतलब है कि श्रीनगर में झेलम और डल में 1200 हाउसबोट हैं। इनमें से कई तो सालों पुरानी हैं।

घटना श्रीनगर के लालचौक के साथ सटे आबीगुजर इलाके की है। झेलम दरिया इस इलाके के बीचोंबीच से बहता है। बुधवार दोपहर को झेलम दरिया में गुलाम कादिर डग्गा का हाउसबोट अचानक डूबने लगा। उस समय हाउसबोट में डग्गा, पत्नी और अपने दो बच्चों के साथ मौजूद था। हाउसबोट को डूबता देख डग्गा और उसकी पत्नी व बच्चों ने मदद के लिए आवाज लगाई। स्थानीय लोगों इस घटना की जानकारी इलाके में ही तैनात सीआरपीएफ की 132वीं वाहिनी के जवानों को दी। इसके बाद सीआरपीएफ के जवानों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया। दरिया में रेसक्यू बोट उतारी गई। इसके जरिए हाउसबोट में फंसे डग्गा के परिवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। इसके साथ ही हाउसबोट में मौजूद परिवार का कीमती सामान भी सीआरपीएफ व पुलिस के जवानों ने बचा लिया। लोगों को सुरक्षित निकाले जाने के कुछ समय बाद ही हाउसबोट डूब गया।

गौरतलब है कि झेलम और डल झील में 1200 हाउसबोट में से कई तो वर्षो पुरानी हैं। इनकी लंबे से मरम्मत भी नहीं हुई है। इसके चलते इनकी लकड़ी आदि गलने लगी है। कुछ तो इतनी खराब हो चली हैं कि इनमें से कई में रहना खतरे से खाली नहीं है।

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