Terrorism in JK: फुटबालर से आतंकी बने आमिर की पिता को अंतिम काल, बोला- अपने ही धमका रहे हैं, आत्‍मसमर्पण किया तो मां-बाप को मार देंगे

सेना और पुलिस ने आत्मसमर्पण के कई मौके दिए। मैं वापस आना चाहता हूं लेकिन अपने लोग ही धमका रहे हैं। मुझे गुमराह कर गन के साथ फोटो वायरल कर दिया गया। धमकी दी गई कि कभी भी घर जाने की कोशिश की तो पिता-माता और भाई सबको मार देंगे।

By VikasEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2020 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 09:08 AM (IST)
Terrorism in JK: फुटबालर से आतंकी बने आमिर की पिता को अंतिम काल, बोला- अपने ही धमका रहे हैं, आत्‍मसमर्पण किया तो मां-बाप को मार देंगे
जिंदगी के अंतिम पलों में आमिर आतंकी बनने पर पछताता रहा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : 'मुझे और मेरे एक अन्य साथी को सुरक्षाबलों ने करीरी में घेर रखा है। मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी है। मेरे भाई और दोस्तों को बताना कि कभी भी इस रास्ते पर चलने के बारे में नहीं सोचना। मैंने अपनी जिंदगी जाया कर दी और अब वापस कभी नहीं आ सकता हूं। सेना और पुलिस ने हमें आत्मसमर्पण करने के कई मौके दिए। मैं वापस आना चाहता हूं, लेकिन हमारे अपने लोग ही धमका रहे हैं। मुझे गुमराह किया गया। मेरी गन के साथ फोटो लेकर उसे वायरल कर दिया गया। मुझे धमकी दी गई कि अगर कभी भी घर जाने की कोशिश की तो पिता-माता और भाई सबको मार देंगे। अभी यह बात किसी को न बताएं। मेरी दुआ है, ऐसी मौत किसी को नसीब न हो...।'

बारामुला जिले के करीरी में इसी माह 24 दिसंबर को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए फुटबॉल खिलाड़ी से आतंकी बने आमिर सिराज और उसके पिता के बीच फोन पर हुई यह बातचीत वायरल हुई है। जिंदगी के अंतिम पलों में आमिर आतंकी बनने पर पछताता रहा। हालांकि, अब उसके परिजन इस ऑडियो को फर्जी बता रहे हैं।

वहीं, एसएसपी सोपोर जावेद इकबाल का कहना है कि ऐसी बातचीत हो सकती है। संभावना है कि आमिर ने अपनी जिंदगी के आखिरी क्षणों में अपने पिता को फोन किया हो। ऐसा कई बार देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि अभी वह ऑडियो की पुष्टि तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन अगर उसके पिता ऐसी बातचीत से इनकार कर रहे हैं तो हो सकता है कि इसके पीछे कोई कारण हो। बता दें कि 22 वर्षीय आमिर फुटबाल का खिलाड़ी था और बीए अंतिम वर्ष में पढ़ रहा था। वह गुमराह होकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया था।

आतंकी की अंतिम काल के अंश :

आमिर : दुश्मन वही होता है जो आपके सबसे पास हो। मैं इस जिंदगी (आतंकी) से वापस आना चाहता हूं। आपके पास आना चाहता हूं। मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं। जिंदगी में कुछ करना चाहता हूं, लेकिन अब मेरे पास कोई मौका नहीं है। मेरी तकदीर अब बंद हो गई है। लेकिन मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरे साथ जो भी हुआ, वह मेरे परिवार के किसी सदस्य और दोस्त के साथ न हो।

पिता : बचने का कोई रास्ता निकालो।

आमिर : अब कोई रास्ता नहीं बचा है। परिवार में किसी और को इस बारे में नहीं बताना। मेरी गलतियों के लिए मुझे माफ कर दें। मैंने जिन्हें भी दुख दिया है, वे सभी मुझे माफ करें। मैं घर आना चाहता हूं। कुछ करना चाहता हूं, लेकिन अब बहुत देर हो गई है। 

आमिर के पिता : तुम्हारी मां क्या करेगी।

आमिर : अगर संभव होता तो मैं आत्मसमर्पण कर देता। सेना और पुलिस ने हमें बहुत मौके दिए, लेकिन यह हमारे अपने लोग हैं जो इस तरह मरने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि आप मेरी वजह से दुखी हों।

पिता : मैंने पहले ही कहा था कि तुमने गलत रास्ता चुना है।

आमिर : मेरे साथ एक और व्यक्ति है..... और बातचीत बंद हो जाती है।

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