सरकार का फैसला: आतंकी हिसा में मारे श्रमिकों के स्वजन को मिलेंगे पांच-पाच लाख

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक हुई। इसमें आतंकियों द्वारा हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की हत्याओं के मसले पर चर्चा की गई। इसमें पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने को मंजूरी दे दी है। इसमें यह भी कहा गया कि यह राहत राशि एसआरओ- 43 के तहत दी जाएगी। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान राजीव राय भटनागर मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतिश्वर कुमार मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:32 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 05:32 AM (IST)
सरकार का फैसला: आतंकी हिसा में मारे श्रमिकों के स्वजन को मिलेंगे पांच-पाच लाख
सरकार का फैसला: आतंकी हिसा में मारे श्रमिकों के स्वजन को मिलेंगे पांच-पाच लाख

राज्य ब्यूरो, जम्मू: कश्मीर में इस महीने आतंकी हिसा में जान गंवाने वाले दूसरे राज्यों के पांच श्रमिकों के स्वजन को जम्मू कश्मीर सरकार आर्थिक मदद देगी। प्रत्येक श्रमिक के परिवार को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इस संबंध में प्रदेश प्रशासन ने बुधवार को फैसला ले लिया है। पीड़ित परिवारों को एसआरओ (स्टेटरी रेगुलेटरी आर्डर)- 43 के तहत मुआवजा दिया जाएगा।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक हुई। इसमें आतंकियों द्वारा हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की हत्याओं के मसले पर चर्चा की गई। इसमें पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने को मंजूरी दे दी है। इसमें यह भी कहा गया कि यह राहत राशि एसआरओ- 43 के तहत दी जाएगी। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान, राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतिश्वर कुमार मौजूद रहे।

गौरतलब है कि कश्मीर में आतंकियों ने अक्टूबर माह में कश्मीरी हिदुओं और दूसरे राज्यों के लोगों की टारगेट किलिग की है। दूसरे राज्यों के पांच श्रमिकों की आतंकियों ने हत्या की है। इनमें एक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का और चार बिहार के रहने वाले थे। प्रदेश सरकार के इस फैसले से इन पांचों श्रमिकों के परिवार के परिवारों का राहत मिलेगी।

यह है एसआरओ-43: जम्मू कश्मीर सरकार ने एसआरओ-43 को 22 फरवरी, 1994 को लागू किया गया था। इसके तहत जम्मू कश्मीर के सरकारी कर्मचारी की आकस्मिक मौत होने पर मानवीय आधार पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी और पांच लाख रुपये की राहत राशि देने का प्रविधान है। हाल ही में आतंकी हिसा में मारे गए दूसरे राज्यों के निवासियों को भी इसी के दायरे में लाया गया है। अलबत्ता, इन श्रमिकों के परिवार को सिर्फ पांच लाख रुपये की राहत राशि ही दी जाएगी। क8पवाड़ा स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के लिए भूमि हस्तातरित

कुपवाड़ा में स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के लिए प्रदेश प्रशासनिक परिषद ने 60 कनाल भूमि युवा सेवा एवं खेल विभाग को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है। यह जमीन जिले में विलीगाम तहसील के ग्राम हकानीबाद पुंजवा में है। यह स्टेडियम स्थानीय आबादी के साथ-साथ आसपास के 20 गांवों के युवाओं की जरूरतों को पूरा करेगा। 20,000 युवाओं को कई खेल गतिविधियों में शामिल किया जाएगा। इस वित्तीय वर्ष के दौरान अवसंरचना के विकास के लिए एक करोड़ रुपये भी रखे गए हैं। इनमें से कार्यो को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए विभाग को 50 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। अब सड़क निर्माण में गुणवत्ता का निरीक्षण कर सकेगा तीसरा पक्ष: सड़क ढांचे की गुणवत्ता में सुधार और संपत्ति के उचित रखरखाव की जिम्मेदारी तय करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने जम्मू और कश्मीर में तीसरे पक्ष के निरीक्षण को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के संबंध में दी गई है। इसके लिए स्वतंत्र तंत्र बनाया जाएगा। इसमें विस्तृत ड्राइंग और डिजाइन के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की तैयारी सुनिश्चित करने के प्रविधान हैं। पीडब्ल्यूडी और आरएंडबी विभाग के समग्र पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र रूप से गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी होगी। तृतीय पक्ष निरीक्षण प्रणाली के लागू होने से सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी और विभिन्न एजेंसियों के लिए जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। शाहपुर कंडी परियोजना की रावी नहर के लिए मिली अतिरिक्त भूमि

कठुआ जिले में शाहपुर कंडी बांध से बसंतपुर तक मुख्य रावी नहर के निर्माण के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने अतिरिक्त जमीन दे दी है। इसकी मजूरी बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद में दी गई। इस फैसले के तहत मुख्य रावी नहर के निर्माण के लिए जल शक्ति विभाग को कठुआ जिले के ग्राम कुटलेहर में 39 कनाल 10 मरला भूमि हस्तांतरित कर दी है। हाल ही में, जम्मू कश्मीर सरकार और पंजाब सरकार ने शाहपुर कंडी परियोजना पर एक नए द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य कठुआ और सांबा जिले के कंडी क्षेत्र में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए जम्मू कश्मीर को पानी उपलब्ध कराना है। इस नहर के बनने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। विकास में पिछड़े 44 ब्लाकों का होगा कायाकल्प

प्रदेश के 44 सबसे पिछड़े ब्लाकों के विकास के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने प्रतिष्ठित एस्पिरेशनल ब्लाक्स विकास कार्यक्रम' की शुरुआत को मंजूरी दे दी है। इसके तहत पहचाने गए ब्लाक के सबसे पिछड़े ब्लाक हैं। इन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रत्येक ब्लाक को दी जाएगी। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य और भलाई जैसे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मानकों के संदर्भ में विकास और लोगों की समग्र रहने की स्थिति में सुधार करना है। इसके तहत जिला विकास आयुक्तों को विकास योजना तैयार करने का काम सौंपा जाएगा। योजना विकास और निगरानी विभाग डिजिटल पोर्टल के माध्यम से इन ब्लाक की जिलेवार प्रगति की लगातार निगरानी करेगा। कार्यक्रम के तहत संसाधनों को जिला स्तर पर विकास के विभिन्न क्षेत्रों-गरीबी, स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया जाएगा। चार जिलों में नए न्यायालय को मंजूरी

प्रशासनिक परिषद की बैठक में सांबा, बांडीपोरा, गांदरबल और पुंछ जिला मुख्यालयों में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीशों के चार न्यायालयों के निर्माण को मंजूरी दी गई। इन चारों जिलों में नए न्यायालय परिसरों में विभिन्न श्रेणियों (प्रत्येक में 10) में 40 नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी। बैठक में कहा गया कि जम्मू कश्मीर की जनसंख्या में क्रमिक वृद्धि ने न्यायिक कार्य भार को काफी हद तक बढ़ा दिया है। जनता की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नए न्यायालय परिसरों को खोलना आवश्यक हो गया है। जेएंडके सीमेंट्स को बंद करने की प्रक्रिया शुरू

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को श्रीनगर में हुई प्रशासनिक परिषद ने ई-नीलामी के माध्यम से जम्मू कश्मीर सीमेंट्स कपनी की पूर्ण बिक्री के संबंध में उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला 2012-13 के बाद से उत्पादन और राजस्व में तेज गिरावट को देखते हुए लिया गया है। सालों से घाटे में चल रही जेएंडके सीमेंट्स लिमिटेड देनदारियों के बोझ से दबी थी जिसे देखते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया। बैठक में फैसला हुआ कि इसके बंद होने से 240 कनाल भूमि का जो क्षेत्र उपलब्ध होगा, उसे जम्मू-कश्मीर सिडको द्वारा औद्योगिक संपत्ति के रूप में उपयोग किया जा सकता है। प्रशासनिक परिषद की बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान एव राजीव राय भटनागर समेत मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव नितीश्वर कुमार ने भाग लिया।

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