Jammu Kashmir: बचपन में छत पर ताकता रहता था एयरबेस से उड़ते विमान, अब 20 वर्ष में ही Flying Pilot बन गया कश्‍मीर का Farhan Majeed

फरहान का घर अवंतीपोरा मिल्ट्री एयरबेस से थोड़े ही फासले पर है। बचपन में वह घंटों अपनी छत पर बैठकर विमानों को देखा करता था। हालांकि उसे घरवालों से डांट भी खानी पड़ी और कई बार पिता से पिटाई भी हुई पर फरहान ने अपना सपना जिंदा रखा।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 08:32 AM (IST)
Jammu Kashmir: बचपन में छत पर ताकता रहता था एयरबेस से उड़ते विमान, अब 20 वर्ष में ही Flying Pilot बन गया कश्‍मीर का Farhan Majeed
कश्‍मीर के अवंतीपोरा का रहने वाला फरहान मजीद अपने परिवार के साथ।

श्रीनगर, रजिया नूर : मिल्ट्री एयरबेस अवंतीपोरा से उड़ान भरते विमानों को अपनी छत से तब तक देखना जब तक वह नजरों से ओझल न हो जाएं। कभी हाथों को ऊपर कर उडऩे को कोशिश तो कभी आंखें बंद कर बादलों में पहुंचना। नन्हे फरहान का विमान उड़ाने का सपना बचपन से ही आंखों में तैर रहा था।

बचपन में ही विमान उड़ाने की जिद पर पिता ने पिटाई की तो मां ने दुलारते हुए समझाया कि इसके लिए तुम्हें काफी मेहनत करनी पड़ेगी और पायलट बनना पड़ेगा। फिर क्या था, नन्हें फरहान ने मां की यह बात गांठ बांध ली। पढ़ाई में खूब मन लगाया और नजरें आसमान में उड़ते विमानों पर टिकाए रखीं। मेहनत और लगन से फरहान ने अपने सपनों को पंख लगाए और अब कामयाबी की उड़ान भरने के लिए वह तैयार है।

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के रहने वाले 20 वर्षीय फरहान मजीद ने कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर कश्मीर में सबसे कम उम्र में कमर्शियल पायलट की सूची में पहला नाम दर्ज करवा लिया है।

दैनिक जागरण के साथ बातचीत में फरहान ने कहा, मेरा घर अवंतीपोरा मिल्ट्री एयरबेस से थोड़े ही फासले पर है। बचपन में मैं घंटों अपने छत पर बैठकर विमानों को देखा करता था। हाालंकि पहले मुझे घरवालों से डांट भी खानी पड़ी और कई बार पिता से पिटाई भी हुई।

मां ने समझाया कि इसके लिए पायलट बनना पड़ेगा और उससे पहले मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी। तब मैं सातवीं कक्षा में था और एक स्थानीय स्कूल में पढ़ता था। मैं पढ़ाई में अच्छा तो था, लेकिन पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता था। उस दिन के बाद से मैंने पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया। दसवीं पास करके मैंने एविएशन कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए रास्ते तलाशने शुरू किए। एक अच्छा फ्लाइंग क्लब ढूंढने में मुझे बहुत दिक्कत हुई। हमारे कश्मीर में ऐसा कोई क्लब नहीं है। फिर मुझे उत्तराखंड के ग्लोबल कनेक्ट एविएशन में दाखिला मिला।

ढाई साल का कमर्शियल कोर्स और ट्रेनिंग पूरी कर पिछले साल नवंबर में कमर्शियल पायलट का लाइसेंस हासिल किया। अब विनान उड़ाने का इंतजार कर रहा हूं। फरहान ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते चयन की प्रक्रिया में दूरी हुई। फिलहाल वह सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से लाइसेंस प्राप्त करने के परीक्षा की तैयारियों में जुटा हुआ हूं।

बैंक से कर्ज लेकर बेटे को बढ़ाया :

बेटे की कामयाबी पर पेशे से लेक्चरर पिता अब्दुल मगीन बगान ने कहा, पहले मुझे लगता था कि यह अपना वक्त बर्बाद कर रहा है, लेकिन आज मुझे इस पर गर्व है। बगान ने कहा कि बेटे की एविएशन की महंगी पढ़ाई के लिए उसे बैंक से कर्ज भी लेना पड़ा था, लेकिन उसे खुशी है कि उसके बेटे ने कम उम्र में उसे यह सफलता प्राप्त की है। फरहान की मां फामिदा भी शिक्षिका हैं। इन दिनों फरहान के घर बंधाई देने वालों का तांता लगा है।

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