अस्पताल में नए आइपीडी और ओटी ब्लॉक का मूल्यांकन

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में स्थित बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल में 120 बिस्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 10:21 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 10:21 PM (IST)
अस्पताल में नए आइपीडी और ओटी ब्लॉक का मूल्यांकन
अस्पताल में नए आइपीडी और ओटी ब्लॉक का मूल्यांकन

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में स्थित बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल में 120 बिस्तरों की क्षमता वाले नए आइपीडी और ओटी ब्लाक के निर्माण का तकनीकी मूल्यांकन पूरा हो गया है। यह जानकारी मंगलवार को आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण डीएमआरआरआर और पीएचई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव फारूक अहमद शाह ने दी।

उन्होंने 1500 करोड़ की लागत वाली झेलम तवी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट जेटीएफआरपी की कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। फारूक शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीईओ जेटीएफआरपी विनोद शर्मा, निदेशक आपदा प्रबंधन आमिर अली, वित्त निदेश और परियोजना से जुड़े विभिन्न वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। डीपीआर को तैयार करने और टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। परियोजना के पहले घटक के तहत बोन एंड ज्वाइंट अस्पताल बरजुला श्रीनगर में 120 बिस्तरों की क्षमता वाले नए आईपीडी और ओटी ब्लाक के निर्माण का तकनीकी मूल्यांकन पूरा किया जा चुका है। वित्तीय निविदा को भी खोला जा चुका है। राज्य में क्षतिग्रस्त स्कूली इमारतों के निर्माण की डीपीआर को विश्व बैंक की समीक्षा के लिए अंतिम रूप दिया जा रहा है।

परियोजना के दूसरे घटक के तहत कश्मीर घाटी में 12 सड़कों और आठ पुलों के निर्माण के लिए निविदा दस्तावेज विश्व बैंक की समीक्षा के लिए तैयार किया जा चुका है। जबकि 17 सड़कों और चार पुलों के निर्माण के लिए तकनीकी मूल्यांकन प्रक्रिया जारी है।

सीईओ जेटीएफआरपी ने बताया कि पहले घटक के तहत 206 करोड़ रुपये मूल्य के विकास कार्य किए जाने हैं। दूसरे घटक के तहत 604 करोड़ रुपये मूल्य के संवेदनशील अवसरंचना के निर्माण और मजबूती पर खर्च होंगे। 273 करोड़ रुपये मूल्य के कार्य शहरी बाढ़ प्रबंधन अवसंरचना की पुनर्बहाली पर खर्च होंगे। यह काम परियोजना के तीसरे घटक में होंगे, जबकि चौथे घटक के तहत आजीविका की पुनर्बहाली और उसे मजबूत बनाने के लिए 107 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। परियोजना के पांचवे घटक में आपदा प्रबंधन क्षमता के विकास के लिए 159 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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