श्रीनगर में नागरिक सचिवालय पूरी तरह बहाल

राज्य ब्यूरो श्रीनगर ग्रीष्मकालीन राजधानी में दरबार मूव के तहत सभी प्रमुख प्रशासनिक कार्यालया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 08:12 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 08:12 AM (IST)
श्रीनगर में नागरिक सचिवालय पूरी तरह बहाल
श्रीनगर में नागरिक सचिवालय पूरी तरह बहाल

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी में दरबार मूव के तहत सभी प्रमुख प्रशासनिक कार्यालयों के स्थानांतरित होने के साथ नागरिक सचिवालय पूरी तरह बहाल हो गया।

बीते 150 साल से जारी दरबार मूव परंपरा के तहत यह पहला मौका है, जब 39 प्रशासनिक विभागों से सिर्फ 20 के मुख्यालय और सभी वरिष्ठ प्रशासनिक कार्यालय ही इस बार जम्मू से श्रीनगर आए हैं। नागरिक सचिवालय की तरह ही पुलिस मुख्यालय, राजभवन सचिवालय, उच्च न्यायालय समेत दरबार मूव के तहत सभी प्रमुख कार्यालय पूरी तरह क्रियाशील हो गए हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को जब नागरिक सचिवालय बहाल हुआ तो लोकसंगीत की धुनों पर नाचते कलाकारों ने उपराज्यपाल जीसी मुर्मू समेत सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मियों का स्वागत किया। बीते तीन दशकों में यह पहला अवसर है जब सचिवालय के खुलने पर लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। श्रीनगर नगर निगम ने इसका आयोजन किया था। निगम के महासचिव मोहम्मद अकबर सोफी ने कहा कि हमने यह कार्यक्रम दरबार मूव में शामिल अधिकारियों व कर्मियों के स्वागत में किया है।

उपराज्यपाल ने नागरिक सचिवालय के पूरी तरह बहाल होने के बाद मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम समेत सभी वरिष्ठ प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक भी की। इसमें विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों के अलावा कोरोना संक्रमण से पैदा हालात और बाबा अमरनाथ यात्रा से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ है। सचिवालय के बहाल होने पर किसी भी मीडियाकर्मी को नहीं बुलाया गया।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू कश्मीर प्रदेश के दो राजधानी जम्मू व श्रीनगर हैं। श्रीनगर में राजधानी गर्मियों के छह माह मई से अक्टूबर के अंत तक रहती है, जबकि शरदकालीन राजधानी जम्मू में प्रशासनिक अमला नवंबर से अप्रैल के अंत तक रहता है। राजधानी के श्रीनगर से जम्मू और जम्मू से श्रीनगर जाने की प्रक्रिया को दरबार मूव कहा जाता है। यह परंपरा 1872 के दौरान तत्कालीन डोगरा शासकों ने मौसम के मद्देनजर शुरू किया था।

लंबित भुगतान को प्राथमिकता के आधार पर अदा करें : मुर्मू

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने सोमवार को आम लोगों को लघु खनिजों की दिक्कतें दूर करने के लिए अल्पकालिक उत्खनन परमिट जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत लंबित पड़े भुगतान को प्राथमिकता के आधार पर अदा करने पर जोर दिया।

उन्होंने नागरिक सचिवालय में सभी प्रशासकीय सचिवों की बैठक में विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों पर विचार विमर्श के दौरान यह निर्देश दिए। श्रीनगर नागरिक सचिवालय में दरबार बहाल होने के बाद उपराज्यपाल की यह पहली बैठक थी। बैठक में उपराज्यपाल ने प्रशासकीय सचिवों को अपने क्षेत्रीय दौरे बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि वह हर सप्ताह किसी एक इलाके में जाकर विकास योजनाओं का खुद जायजा लें। समय-समय पर किए जाने वाले कार्यो की उपयोगिता प्रमाणपत्र भी जमा करवाएं। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासकीय सचिवों और विभागाध्यक्षों को अपने कार्यदिवस का आधा दिन सचिवालय में आम लोगों से मुलाकात के लिए रखना चाहिए।

उपराज्यपाल ने संविदात्मक, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों का एक सप्ताह के भीतर लंबित पड़े भुगतान को निपटाने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह स्थानीय स्तर पर अल्पकालिक उत्खनन परमिट जारी करने की संभावनाओं और औपचारिकताओं का पता लगाएं। इसके अलावा जिम्मेदार और कर्मठ प्रशासन उपलब्ध कराने के सरकार के संकल्प को पूरा करने में सहयोग के लिए प्रशासनिक कार्यो से संबंधित कागजी कार्रवाई को निपटाने और उसकी निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करें। बैठक में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, वित्त विभाग के आयुक्त अरुण कुमार मेहता, वित्त आयुक्त स्वास्थ्य विभाग अटल कुमार डुल्लु, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव बिपुल कुमार पाठक समेत सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और सचिवों ने भाग लिया।

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