Jammu Kashmir: दिल्ली हाईकोर्ट ने महबूबा मुफ्ती को दिल्ली बुलाने का दबाव न बनाने का दिया निर्देश
याचिका में यह भी कहा गया है कि जब से याचिकाकर्ता को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हिरासत से रिहा किया गया है तब से उनके खिलाफ उनके परिचितों एवं पुराने पारिवारिक मित्रों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के लिए बुधवार का दिन कुछ राहत भरा रहा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा महबूबा को जारी समन पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया है कि वह 15 मार्च को अपने मुख्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए महबूबा पर दबाव नहीं बनाए। मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी।
मनी लांड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गत शुक्रवार को पीडीपी अध्यक्ष को एक नोटिस जारी कर 15 मार्च की सुबह दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया था। इसे चुनौती देते हुए उन्होंने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अदालत से समन को रद करने का आग्रह किया था।
महबूबा ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय ने अपने समन में यह नहीं बताया कि उन्हें किस मामले में बुलाया गया है। न यह स्पष्ट किया गया है कि उन्हें गवाह या फिर आरोपित की हैसियत से बुलाया जा रहा है। याचिका में यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता जाच का विषय नहीं है और न ही वह कोई आरोपित है। उन्होंने आशका जताई कि यह समन उन पर अनुचित दबाव बनाने और परेशान करने के लिए भेजा गया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि जब से याचिकाकर्ता को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हिरासत से रिहा किया गया है, तब से उनके खिलाफ, उनके परिचितों एवं पुराने पारिवारिक मित्रों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन सबको प्रवर्तन निदेशालय ने समन जारी किया है। उनके व्यक्तिगत, राजनीतिक और वित्तीय मामलों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उनके निजी उपकरणों को जब्त कर लिया गया है।