Jammu Kashmir : महबूबा मुफ्ती ने पिता की कब्र पर जाकर आत्मा की शांति के लिए दुआ की
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को दक्षिण कश्मीर के बीजबेहाड़ा में स्थित अपने पिता स्व मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर जाकर उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की। बीजबेहाड़ा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का पैतृक कस्बा है।
श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को दक्षिण कश्मीर के बीजबेहाड़ा में स्थित अपने पिता स्व मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर जाकर उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की।
बीजबेहाड़ा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का पैतृक कस्बा है। महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त 2019 की तड़के प्रदेश प्रशासन ने एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। उन्हें करीब 434 दिन बाद उन्हें मंगलवार की रात को ही रिहा किया गया है। इससे पहले बुधवार सुबह महबूबा ने गुपकार मार्ग पर स्थित सरकारी निवास पर पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इसमें एक साल के राजनीतिक घटनाक्रम और कश्मीर के हालात पर विचार विमर्श हुआ। पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने, कैडर को लामबंद करने और आम लोगों को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ तैयार करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। दो घंटे चली बैठक में महबूबा ने सहयोगियों को कहा कि वे लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहें।पीडीपी के मूल एजेंडे मे कोई बदलाव नहीं करने वाली। पीडीपी अध्यक्ष के घर में ही नहीं पीडीपी मुख्यालय में दिनभर गहमागहमी रही है। दोपहर बाद डॉ. फारूक अपने पुत्र उमर अब्दुल्ला संग महबूबा से मिलने पहुंचे। उन्होंने महबूबा की रिहाई पर मुबारकबाद देकर उनका हाल चाल जाना। करीब 40 मिनट तक पिता-पुत्र ने महबूबा के साथ जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ मिलकर आगे बढऩे और गुपकार घोषणा को संयुक्त सियासी एजेंडा बनाने पर विचार विमर्श किया। उन्होंने गुपकार घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले दलों के नेताओं की वीरवार शाम चार बजे होने वाली बैठक के लिए महबूबा को न्योता दिया। महबूबा ने निमंत्रण को स्वीकार किया है।
क्या है गुपकार घोषणा
चार अगस्त 2019 की शाम को डॉ. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें भाजपा शामिल नहीं थी। बैठक में सभी नेताओं ने एक घोषणापत्र तैयार कर उस पर हस्ताक्षर किए। इस घोषणापत्र में कहा कि अनुच्छेद 370 का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। इसी घोषणा को गुपकार घोषणा कहते हैं।