Kashmir Situation: वादी में ट्रेन सेवा बहाल, पर्यटकों को भी भा रही है रेलवे की नायाब लाइन
kashmir valley की लाइफलाइन कही जाने वाली बनिहाल-श्रीनगर-बारामुला ट्रेन सरपट पटरी पर दौड़ रही है। इससे कश्मीर में जिंदगी की गाड़ी तेजी से दौड़ रही है।
श्रीनगर, रजिया नूर। kashmir valley की लाइफलाइन कही जाने वाली बनिहाल-श्रीनगर-बारामुला ट्रेन सरपट पटरी पर दौड़ रही है। इससे कश्मीर में जिंदगी की गाड़ी तेजी से दौड़ रही है। खासकर दैनिक यात्री और छात्र इससे खासा उत्साहित हैं। वहीं गुलमर्ग जाने वाले पर्यटकों के लिए यह रेलसेवा किसी सपने से कम नहीं है। वहीं रेलवे भी लोगों के उत्साह को देखते हुए इस सेवा को जल्द पूरा दिन करने की तैयारी में जुटा है।
यहां बता दें कि राज्य के पुनर्गठन से पूर्व एहतियात के तौर पर बनिहाल श्रीनगर होते हुए बारामुला तक इस रेल सेवा को भी बंद कर दिया था। वादी में हालात सामान्य होने के बाद करीब 100 दिन के अंतराल के बाद यह सेवा फिर शुरू की गई। सेवा आरंभ होते ही पहले ही दिन लोग उमड़ पड़े। यह सेवा बंद होने से रेलवे को खासा नुकसान उठाना पड़ता ही था आम आदमी को भी मुसीबतों से दो-चार होना पड़ता था। अलबत्ता प्रशासन द्वारा चरणबद्ध तरीके से उक्त सेवा को बहाल करने से लोगों की बड़ी परेशानी दूर हो गई है।
दक्षिणी कश्मीर के खोडवनी (कुलगाम) इलाके के निवासी और पेशे से शिक्षक मोहम्मद अलताफ शाह खासे प्रसन्न हैं। उनका कहना है कि उनकी तो सबसे बड़ी परेशानी दूर हो गई। शाह ने बताया कि उनकी पोस्टिंग उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में है। ट्रेन बंद होने से उन्हें सड़क मार्ग से निजी वाहनों में जाना पड़ता था। यह वाहन चालक कई गुना किराया तो वसूलते ही थे, समय भी लगभग दोगुना लगता था। उसके अलावा सही पहुंचाएंगे, इसकी गारंटी भी नहीं। ट्रेन बहाल होने से इन सारे झंझटों से मुक्ति मिल गई। दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर जाने वाले छात्र अलताफ ने बताया कि अब यह सफर रास आ रहा है। डेढ़ घंटे में यूनिवर्सिटी पहुंच जाते हैं। उम्मीद करें यह सेवा नियमित चलती रहे।
दोस्तों के साथ कश्मीर के गुलमर्ग जा रहे पंजाब निवासी देविंद्र सिंह कहते हैं कि हम लगभग हर साल कश्मीर आते हैं। इस बार ट्रेन से जा रहे हैं। वादियों और टनल से गुजरती यह ट्रेन हमें यहां की जिंदगी के काफी करीब ला देती है। सरकारी कमर्चारी तनवीर साहिल कहते हैं कि सूमो वालों व प्राइवेट ट्रांसपोर्ट वालों ने इन दिनों हमें खूब लूटा। दोगुना किराया वसूलने के बावजूद समय पर पहुंचाने की कोई गारंटी नहीं देते थे। ऐसे में सुबह अंधेरे में ही घर से निकलना पड़ता था ताकि समय से दफ्तर पहुंच सकें। शुक्र है कि रेल सेवा फिर से बहाल हो गई।
रेलवे भी उत्साहित
रेल सेवा बहाल करने के पहले सप्ताह में ही यात्रियों के उत्साह को देखते हुए रेलवे भी उत्साहित है। उम्मीद जताई जा रही है रेल सेवा को पूरा दिन शुरू किया जा सकता है। फिलहाल यह दोपहर बाद तक ही यह सेवा चल रही है। नादर्न रेलवे के चीफ एरिया मेनैजर दीपंत रोहित ने कहा कि सेवा बंद रहने से रेलवे को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब सेवा बहाल है और उम्मीद है कि अबकी बार यह सुचारू ढंग से चालू रहेगी।
क्यों खास है यह सेवा
मौसम खराब होने की स्थिति में वादी में सड़क यातायात लगभग थम सा जाता है। ऐसे में बर्फबारी हो या बारिश यह ट्रेन सरपट पटरी पर दौड़ती रहती है। दूसरा बनिहाल से बारामुला का सफर तीन घंटे से कम में तय हो जाता है जबकि सड़क मार्ग से करीब छह घंटे लगते हैं। यह सेवा सस्ती होने के कारण आसानी से सबको सुलभ भी है।