Wildlife Week 2021 : बदलते परिवेश में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण बेहद अहम : उपराज्यपाल
शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआईसीसी में आयोजित वन्य जीव सप्ताह समारोह मेें उपस्थितजना को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर मेें वनों व अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हो रहे हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को वन्य जीव और वनसंपदा के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति का आधार भी प्रकृति और मानव सभ्यता के बीच सामंजस्य, सौहार्द और सहास्तित्व की भावना ही है, लेकिन प्राकृतिक संसाधनों के अधांधुंध प्रयोग ने इसे मानव-पशु के बीच संघर्ष बना दिया है। वन्य जीव सप्ताह-2021 का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मानवीय और अन्य प्रकार के जीवन को बचाए रखने में वन्य जीवन और वनों की एक अहम भूमिका है।
शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआईसीसी में आयोजित वन्य जीव सप्ताह समारोह मेें उपस्थितजना को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर मेें वनों व अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन, पेड़, झीलें, वन्य जीव जंतु सभी अमूल्य प्राकृतिक धरोहरें हैं और इनका संरक्षण मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी है। उन्हाेंने इस अवसर डाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान, हांगुल इको स्टाप-परिमहल के लिए प्रवेश की अनुमति की अॉनलाइन सुविधा का ई-उद्घाटन करने के अलावा हंगुल की गणना रिपोर्ट और विभिन्न ट्रेकिंग रूट की विवरणिका का भी विमोचन किया। वन्य जीव सप्ताह दो से आठ अक्टूृबर तक चलेगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि देश के अन्य भागों के साथ जम्मू कश्मीर में वन्य जीव सप्ताह मनाया जाना, आम लोगों के बीच अमूल्य वन्य जीवन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने का एक गंभीर प्रयास है। उन्होंने कहा कि हमें बदलते परिवेश में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना है। डिजिटल रीवर और नैचुरल रीवी के बीच संतुलण बहुत जरुरी है। वनों, वन्य जीवन और पर्यावरण के संरक्षण के लिए समर्पण की भावना के साथ काम कर ,हम मानव-पशु संघर्ष और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकते हैं।
जैव विविधता के संरक्षण के लिए जनांदोलन जरूरी : पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में महात्मा गांधी के योगदान का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए जन प्रतिनिधियों की मदद से एक जनांदोलन चलाए जाने की आवश्यक्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वन्यजीवन का संरक्षण हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक हिस्सा होना चाहिए। जलवायु परिवर्तन के खतरे से हमे अपनी नयी पीड़ि को बचाने के लिए तुरंत प्रभाकारी कदम उठाने होंगे।
समन्वित प्रयास से ही जम्मू-कश्मीर में 50 फीसदी हरित क्षेत्र : उन्होंने इस अवसर पर वन्यजीवन पारिस्थितिक संतुलण के संरक्षण के लिए वन्य जीव और वन विभाग द्वारा शुरू किए गए नए प्रयासों को सराहते हुए कहा कि सभी संबधित पक्षों और विभागों के समन्वित प्रयासों से ही आज जम्मू कश्मीर में हरित क्षेत्र 50 फीसद से ज्यादा है। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए ही प्रदेश सरकार ने कुल भौगोलिक क्षेत्र का 11.5 प्रतिशत अधिसूचित किया है जो 5.5 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। उपराज्यपाल ने इस अवसर पर वन्य जीवन संरक्षण विभाग द्वारा लगाए गए स्टाल का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर मानव-पशु संघर्ष पर आधारित एक एनिमेटिड जिंगल जम्मू कश्मीर के वन्यजीवन पर आधारित एक वीडियो क्लिप का भी प्रसारण किया गया।