कश्मीरियों ने लोकतंत्र में दिखाई आस्था, अनंतनाग में 13.63 फीसद मतदान
राज्य ब्यूरो श्रीनगर जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा संवेदनशील कहे जाने वाले अनंतनाग-पुलवामा संसदीय
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा संवेदनशील कहे जाने वाले अनंतनाग-पुलवामा संसदीय क्षेत्र में मंगलवार को छिटपुट हिसक घटनाओं के बीच पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया। 13.63 फीसद मतदाताओं ने अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार को ठेंगा दिखाते हुए पूरे उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में आस्था जताई। दक्षिण कश्मीर के छह विधानसभा क्षेत्रों पर आधारित जिला अनंतनाग में 5,29,256 मतदाताओं में से 72,137 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पैतृक कस्बे बिजबिहाड़ा व जिला मुख्यालय अनंतनाग में मतदान अन्य इलाकों की तुलना में धीमा रहा। बिजबिहाड़ा में नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट भी हुई। इस दौरान चुनाव बहिष्कार समर्थकों व सुरक्षाबलों के बीच हिसक झड़पों में सात लोग घायल हो गए। वर्ष 2014 में इस सीट पर एक चरण में ही मतदान हुआ था और मतदान फीसद 28.84 रहा था। अगर केवल जिला अनंतनाग की बात करें तो 2014 में 39.37 फीसद मतदान हुआ था।
दक्षिण कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपिया पर आधारित अनंतनाग-पुलवामा संसदीय क्षेत्र ही वर्ष 2016 से राज्य में जारी आतंकी हिसा का मुख्य केंद्र बना हुआ है। इस इलाके के संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महबूबा मुफ्ती द्वारा वर्ष 2016 में संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद यहा संसदीय उपचुनाव नहीं कराया जा सका था। अलबत्ता, मौजूदा संसदीय चुनाव प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने इस पूरे क्षेत्र को तीन हिस्सों में बाटते हुए तीन चरणों में मतदान कराने की युक्ति अपनाई। मंगलवार को जिला अनंतनाग में पहले चरण के तहत मतदान कराया गया। जिला कुलगाम में 29 अप्रैल और पुलवामा व शोपिया में छह मई को मतदान होगा। इस संसदीय क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और प्रदेश काग्रेस प्रमुख जीए मीर समेत 18 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जिला अनंतनाग में 529256 मतदाता हैं। इनमें नमें 269603 पुरुष, 257540 महिलाएं, 2102 सेवा मतदाता और 11 ट्रासजेंडर मतदाता हैं। पहाड़ी इलाकों में दिखा उत्साह :
अनंतनाग के ऊपरी और पहाड़ी इलाकों में जहा सुबह ही मतदाताओं की भीड़ मतदान केंद्रों में नजर आने लगी थी। वहीं बिजबिहाड़ा, अनंतनाग और इसके साथ सटे शहरी इलाकों में मतदाताओं में मतदान को लेकर रुझान कम रहा। प्रशासन ने अलगाववादियों और आतंकियों के साथ उनके समर्थकों को मतदान प्रक्त्रिया से दूर रखने के लिए पूरे इलाके में बड़ी संख्या में सेना, पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवान तैनात कर रखे थे। इसके बावजूद दमहाल,ब्रिंटी, वनिहामा और देहरुना समेत विभिन्न इलाकों में चुनाव बहिष्कार समर्थकों ने मतदान में व्यवधान डालने का प्रयास करते हुए मतदाताओं और सुरक्षाबलों पर पथराव किया। सुरक्षाबलों को उन्हें खदेडऩे के लिए कई जगह लाठियों, आसूगैस और पैलेट के अलावा हवाई फायड्क्षरग का भी सहारा लेना पड़ा। सुरक्षाबलों और चुनाव बहिष्कार समर्थक तत्वों में हुई हिंसक झढ़पों में सात लोग जख्मीहुए हैं। लगभग शात रही स्थिति : शैलेंद्र कुमार
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे अनंतनाग जिले में स्थिति लगभग शात रही। हिंसा और बोगस वोटिंग संबंधी सवालों से बचते हुए उन्होंने बताया कि 13.63 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पूरे जिले में स्थापित 714 मतदान केंद्रों में 21 माडल पोलिंग स्टेशन और 12 पूरी तरह महिला कर्मियों पर आधारित महिला मतदान केंद्र थे। 28 मतदान केंद्रों में बेबकास्टिंग भी र्की गई। अब तक 48.87 फीसद मतदान
: जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य में पहले तीन चरणों में 48.87 फीसद मतदान हो चुका है। अब तक राज्य में जम्मू-पुंछ, बारामुला, श्रीनगर, ऊधमपुर-कठुआ-डोडा व अनंतनाग (पहला चरण) में मतदान हुआ है। कहां कितना मतदान फीसद :
पहलगाम : 20.37
कोकरनाग : 19.50
डुरू : 17.28
शागस : 15.10
अनंतनाग : 3.47
बिजबिहाड़ा : 2.04 मायूस नजर आई महबूबा पर उम्मीद नहीं छोड़ी :
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मंगलवार को अपने पैतृक कस्बे बिजबिहाड़ा में हुए अपेक्षाकृत कम मतदान से कुछ मायूस तो नजर आईं, लेकिन उन्होंने अपनी जीत की उम्मीद नहीं छोड़ी। बिजबिहाड़ में बने मतदान केंद्र 37-डी में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद महबूबा ने कहा, हा यह सही है कि यहा मतदान कम हुआ है। वोट डालने के लिए कम ही लोग आए हैं। फिर भी मुझे पूरा यकीन है कि लोग मेरा साथ देंगे। इंशाल्लाह मुझे एक अच्छे और सुखद परिणाम की पूरी उम्मीद है। महबूबा मुफती की मा और एक बेटी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। महबूबा के भाई तसद्दुक ने नहीं डाला वोट :
अनंतनाग में चुनावी रैलियों के दौरान लोगों को अधिक से अधिक मतदान करने की अपील करने वाली पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के भाई तसद्दुक मुफ्ती ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। बता दें कि वर्ष 2017 में महबूबा मुफ्ती ने अपने भाई तसद्दुक मुफ्ती को राज्य विधानसभा में सदस्य बनाने के साथ कैबिनेट में बतौर पर्यटन मंत्री शामिल किया था। उन्होंने वर्ष 2017 में अनंतनाग-पुलवामा संसदीय सीट के उपचुनाव में उन्हें पीडीपी की तरफ से उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन यह उपचुनाव तत्कालीन सुरक्षा परिदृश्य के चलते स्थगित हो गया था।