कश्मीर में हाईवे पर युद्धक विमान उतारने की तैयारी

बिजबिहाड़ा में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ बनाई जा रही हवाई पट्टी 119 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह आठ माह में बनकर तैयार होगी दो दिन पहले ही काम शुरू किया गया सीमा तक पहुंच होगी और आसान ------

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 10:44 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 10:44 AM (IST)
कश्मीर में हाईवे पर युद्धक विमान उतारने की तैयारी
कश्मीर में हाईवे पर युद्धक विमान उतारने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच कश्मीर में वायुसेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही तीन किलोमीटर की एक हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है। इस पर युद्धक विमान आसानी से उतर और उड़ान भर सकते हैं। यहां से नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंचने में वायुसेना को बेहद कम समय लगेगा। यह हवाई पट्टी बिजबिहाड़ा में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के साथ बनाई जा रही है। इस पर करीब 119 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह आठ माह में तैयार होगी।

अधिकारियों ने बताया कि यह पट्टी लगभग साढे़ तीन किलोमीटर लंबी है। दो दिन पहले ही इसका निर्माण शुरू किया गया है। इसे युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। यह पट्टी किसी भी आपातस्थिति में युद्धक विमानों के लिए इस्तेमाल होगी। युद्धक विमान इस पर किसी भी समय उतर सकते हैं और उड़ान भर सकते हैं। हवाई पट्टी के निर्माण में जुटे कर्मियों व श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन ने विशेष पास जारी किए हैं। देश के अहम है हवाई पट्टी

अधिकारी ने बताया कि इस हवाई पट्टी का निर्माण देश के लिए बहुत अहम है। कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। इसके अलावा लद्दाख का एक हिस्सा चीन के साथ और एक हिस्सा पाकिस्तान के साथ भी सटा हुआ है। चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ ही भारत के संबंध तनावपूर्ण ही हैं। युद्ध की स्थिति में यह पट्टी सेना, वायुसेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत कारगर साबित होगी। बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। 2017 में बनाने का हुआ था फैसला

श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर दक्षिण कश्मीर में इस हवाई पट्टी के निर्माण का फैसला 2017 में लिया गया था। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गुजरात समेत देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की 12 हवाई पट्टियां बनाई जाएंगी।

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