Militancy in Kashmir: सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद हिजबुल ने अबु उबैदा को बनाया चीफ कमांडर

हिजबुल मुजाहिदीन ने सैफुल्लाह मीर के मारे जाने के बाद अबु उबैदा को आपरेशनल चीफ कमांडर बनाया है। मुसैब उल इस्लाम को उसका डिप्टी बनाया गया है। यह दोनों के कोड नाम हैं और माना जा रहा है कि कुख्यात जुबैर वानी अबु उबैदा है फारूक अहमद उसका डिप्टी है।

By lokesh.mishraEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 01:00 PM (IST)
Militancy in Kashmir: सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद हिजबुल ने अबु उबैदा को बनाया चीफ कमांडर
हिजबुल ने सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद अबु उबैदा को कश्मीर घाटी में आपरेशनल चीफ कमांडर बनाया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : हिजबुल मुजाहिदीन ने सैफुल्लाह मीर के मारे जाने के बाद अबु उबैदा नामक आतंकी को कश्मीर घाटी में आपरेशनल चीफ कमांडर बनाया है। मुसैब उल इस्लाम को उसका डिप्टी बनाया गया है। अलबत्ता, सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

यह दोनों के कोड नाम हैं और आतंकी संगठन अपने कमांडरों को बचाने के लिए असली नाम बताने से हिचक रहा है। माना जा रहा है कि कुख्यात जुबैर अहमद वानी ही अबु उबैदा है और फारूक अहमद उसका डिप्टी है।

उल्लेखनीय है रविवार को सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के रंगरेथ में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैफुल्ला मीर उर्फ गाजी हैदर को मुठभेड़ में मार गिराया था। हिजबुल के एक के बाद एक कमांडर मारे जा रहे हैं और दक्षिण कश्मीर में लगभग हिजबुल का सफाया होता जा रहा है। इससे पूर्व मई माह में उसके शीर्ष कमांडर रियाज नाइकू को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। नाइकू के बाद सैफुल्लाह छह माह भी नहीं निकाल पाया।

लगातार अपने कमांडरों के मारे जाने से हिजबुल का कैडर निराश हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि इस वजह से हिजबुल ऐसे चेहरे की तलाश में है जो संगठन को फिर से खड़ा कर सके। सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण आतंकी संगठन की राह मुश्किल होती जा रही है।

इस मसले पर गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिदीन की कमांड काउंसिल की बैठक में चर्चा हुई। सल्लाहुदीन की मौजूदगी में कथित तौर पर अबु उबैदा व मुसैब उल इस्लाम को आपरेशनल चीफ व डिप्टी चीफ कमांडर घोषित कर दिया गया।

हिजबुल मुजाहिदीन अकसर अपने कमांडरों को बचाने के लिए उन्हेंं कोड नाम से संबोधित करता है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है।

कौन है जुबैर वानी

अनंतनाग जिले के गांव देहरुना का रहने वाला जुबैर अप्रैल 2018 में आतंकी बना था। आतंकी संगठन में सक्रिय होने से पहले वह पढ़ाई के नाम पर वीजा लेकर पाकिस्तान गया था, लेकिन वहां हिजबुल मुजाहिदीन के एक ट्रेनिंग कैंप में पहुंच गया।

भोपाल से एमए के बाद उसने राजस्थान में एफफिल की और देहरादून में पीएचडी के लिए दाखिला लिया। इसी दौरान बीमार पडऩे पर घर लौटा और जम्मू कश्मीर में अध्यापक बनने के लिए आवेदन भी किया। इस बीच वह घर से भाग गया और फिर इंटरनेट मीडिया पर उसके आतंकी बनने का एलान कर दिया। वह जमात से जुड़ा रहा है।

जुबैर इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहने के साथ क्रूर भी है। दो साल पूर्व सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव से निपटने के लिए अल-बदर के कमांडर अरजमंद के साथ मिल पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों को अगवा किया था।

जुबैर ने इस्‍लामिक स्‍टेट और गजवात-उल-हिंद में कैडर का पलायन रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। उसने ही इस्लामिक स्टेट के स्वयंभू कमांडर आदिल दास को जून 2019 में बीजबेहाड़ा में बैठक के बहाने बुला मौत के घाट उतार दिया था।

फारूक अहमद बट

फारूक अहमद बट वर्ष 2015 से सक्रिय है। कुलगाम के यारीपोरा रहने वाले फारूक का परिवार भी जमात से जुड़ा रहा है। उसका परिवार कुलगाम के नामी परिवारों में एक है। उनके सेब के कई बाग हैं। 

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