ग्रामीणों ने खुद शुरू की नहर की मरम्मत

राजौरी के बुद्धल इलाके के ग्रामीणों ने शनिवार को जम्मू और कश्मीर सरकार के संबंधित सिचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा बार बार कहने के बावजूद भी नहर की मरम्मत का कार्य शुरू न करने पर क्षेत्र के लोगों ने खुद ही नहर की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 06:19 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:19 AM (IST)
ग्रामीणों ने खुद शुरू की नहर की मरम्मत
ग्रामीणों ने खुद शुरू की नहर की मरम्मत

जागरण संवाददाता, राजौरी : राजौरी के बुद्धल इलाके के ग्रामीणों ने शनिवार को जम्मू और कश्मीर सरकार के संबंधित सिचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा बार बार कहने के बावजूद भी नहर की मरम्मत का कार्य शुरू न करने पर क्षेत्र के लोगों ने खुद ही नहर की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। किसानों की समस्या को कम करने के लिए स्थानीय लोगों को स्वेच्छा से इस कार्य को किया जा रहा है। ताकि किसानों के खेतों तक पानी पहुंच सके।

लोअर केवाल पंचायत के सरपंच मुहम्मद फारूक इंकलाबी ने कहा कि एक सिचाई नहर बुद्धल से बिजी गांव की ओर से शुरू होती है और सैकड़ों कनाल कृषि भूमि को सिचाई का पानी देती है, जबकि यह जानवरों के लिए पानी का मुख्य स्त्रोत भी है। इस नहर पर दो आटा चक्की, जिन्हें घराट कहा जाता है वह भी चलते हैं।

चार महीनों से नहर क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ कई स्थानों पर टूट गई थी और दर्जनों बार सिचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के सामने नहर की मरम्मत के लिए अनुरोध किया गया था, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिससे नहर का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा था। अब हमारे पास नहर की मरम्मत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था। हम सभी मिलकर नहर की मरम्मत कर रहे हैं। मरम्मत पूरी होने के बाद नहर का पानी किसानों के खेतों तक पहुंच जाएगा जिसके बाद किसान अपने खेतों में कार्य शुरू कर देंगे।

----- एक बार मरम्मत का आह्वान करने पर जमा हो गए लोग किसानों की समस्या को देखते हुए मरम्मत का फैसला किया गया और एक बार आह्वान करने पर काफी संख्या में युवा व अन्य लोग घरों से बाहर आ गए और नहर की मरम्मत के कार्य में जुट गए। नहर की मरम्मत का कार्य लगभग पूरा होने वाला है जिसका लाभ आने वाले दिनों में किसानों के साथ साथ अन्य लोगों को भी मिलेगा।

----- सिचाई विभाग को नहीं दिया जाएगा कोई किराया किसानों ने कहा कि हर वर्ष सिचाई विभाग द्वारा किसानों से पैसा लिया जाता है, लेकिन नहर की मरम्मत के लिए एक रुपए भी विभाग खर्च नहीं करता। इस बार हम लोगों ने फैसला लिया है कि विभाग को किसी भी प्रकार का कोई किराया नहीं दिया जाएगा।

---- क्या कहते है अधिकारी

पहले नहर की मरम्मत का कार्य करवाया गया था, लेकिन नहर फिर से क्षतिग्रस्त हो गई। अब फिर से इसकी मरम्मत के लिए टेंडर की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। जल्द ही बेहतर ढंग से नहर की मरम्मत करवा दी जाएगी।

सगीर अहमद, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सिचाई विभाग, राजौरी।

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