कलाकोट में रामलीला का मंचन शुरू
नवरात्र के पावन अवसर पर श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब की ओर से ामलीला का मंचन शुरू कर दिया गया है। एडीसी कालाकोट कृष्ण लाल ने देर शाम रामलीला का शुभारंभ किया। इस दौरान एडीसी के अलावा तहसीलदार कालाकोट राकेश कुमार म्युनिसिपल कमेटी के चेयरमैन विजय सूरी थाना प्रभारी राजेश जसरोटिया आदि कस्बे के गणमान्य लोग व कलाकार उपस्थित रहे।
संवाद सहयोगी कालाकोट :
नवरात्र के पावन अवसर पर श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब की ओर से ामलीला का मंचन शुरू कर दिया गया है। एडीसी कालाकोट कृष्ण लाल ने देर शाम रामलीला का शुभारंभ किया। इस दौरान एडीसी के अलावा तहसीलदार कालाकोट राकेश कुमार , म्युनिसिपल कमेटी के चेयरमैन विजय सूरी, थाना प्रभारी राजेश जसरोटिया आदि कस्बे के गणमान्य लोग व कलाकार उपस्थित रहे।
वही रामलीला के उद्घाटन के बाद एडीसी कृष्ण लाल ने रामलीला व रामायण के प्रति रामलीला परिसर में मौजूद लोगों को जानकारियां दी और रामलीला क्लब की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के युग में प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को उजागर करने को क्लब के सदस्य जिस धार्मिक भावना से काम कर रहे हैं, वो काबिले तारीफ है।
ं उन्होंने कहा कि रामलीला व रामायण से हमें सीख लेकर प्रभु राम के आदर्श पर चलना चाहिए कि किस तरह प्रभु राम ने माता पिता के वचनों का मान रखते हुए 14 वर्ष तक बनवास काटा। उन्होंने प्रभु राम के भाइयों की भी मिसाल देते हुए कहा कि राम के भाइयों में भी एक दूसरे के लिए अटूट प्रेम था और यह बात भी हमें रामलीला, रामायण में देखने को मिलती है। राम की खातिर उनके भाई लक्ष्मण उनकी सेवा में उनके साथ वन में चले गए और भाई भरत ने राज पाठ तक ठुकरा दिया, इससे भी हमें सीख लेनी चाहिए। रामलीला के मंचित दृश्यों में राजा दशरथ का दरबार और श्रवण कुमार की ओर से माता पिता को तीर्थ यात्रा पर ले जाना और अगले दृश्य में श्रवण कुमार की ओर से माता-पिता की प्यास बुझाने के लिए पानी लाने जाना और फिर राजा दशरथ के शब्दभेदी वाण चलाना, जिसमें श्रवण कुमार का मारा जाना आदि दृश्य काफी सराहनीय रहे।