विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग की जर्जर हालत को लेकर प्रदर्शन

जागरण संवाददाता राजौरी शीमा चौक से बाबा गुलाम शाह बडशाह विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग की

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 06:49 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 06:49 AM (IST)
विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग की जर्जर हालत को लेकर प्रदर्शन
विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग की जर्जर हालत को लेकर प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, राजौरी : शीमा चौक से बाबा गुलाम शाह बडशाह विश्वविद्यालय जाने वाले मार्ग की जर्जर हालत को लेकर धनौर गांव के लोगों ने सड़क मार्ग को चार घंटों तक जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा। उसके बाद लोगों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया।

स्थानीय सरपंच आफताब अहमद के नेतृत्व में धनोर गांव के लोगों ने विश्वविद्यालय की एक सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जो मुख्य सड़क के लिए वैकल्पिक है, जिसकी मरम्मत चल रही है। विश्वविद्यालय के लगभग सभी कर्मचारी इस वैकल्पिक सड़क का उपयोग आवाजाही के लिए करते हैं। स्थानीय सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गांव में सड़क जाम कर वाहनों की आवाजाही रोक दी और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि बाबा गुलाम शाह बडशाह विश्वविद्यालय की मुख्य सड़क के उन्नयन के लिए 20 करोड़ रुपये से अधिक की एक परियोजना स्वीकृत की गई थी और इस परियोजना पर दो साल से काम चल रहा है, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर प्रशासनिक निष्क्रियता और काम की धीमी गति के कारण विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ-साथ गांवों में रहने वाले हजारों लोग पीड़ित हैं। वर्तमान में सड़क पूरी तरह से अनुपयोगी स्थिति में है और इस मुख्य सड़क पर कोई वाहन नहीं है। सभी वाहन लिक रोड से चलते हैं। विरोध करने वाले ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में रहने वाले हजारों ग्रामीणों के साथ सौतेला व्यवहार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को विश्वविद्यालय परिसर से होकर वैकल्पिक सड़क तक पहुंचने की अनुमति नहीं है, जो अच्छी स्थिति में है और उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है अपने वाहनों को मुख्य सड़क पर लगाने के बजाय जो सबसे खराब स्थिति में है।

विरोध करने वाले ग्रामीणों ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को शहर से जोड़ने वाली दो सड़कों का निर्माण हाल ही में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद किया गया था। गांवों में लोगों ने इन सड़कों के निर्माण के लिए अपनी जमीन दी थी, लेकिन उन्हें अभी तक जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालय में स्थानीय लोगों को गैर-शैक्षणिक पदों पर भर्ती करने का कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जो कि विश्वविद्यालय की स्थापना के समय इस क्षेत्र के लोगों के साथ वादा किया गया था। ग्रामीणों ने इस मुख्य मार्ग को चार घंटे से अधिक समय तक अवरुद्ध रखा। इस दौरान बाबा गुलाम शाह बडशाह विश्वविद्यालय के कर्मचारी व आसपास के गांवों के लोग फंसे रहे।

बाद में प्रशासन के अधिकारियों ने आक्रोशित ग्रामीणों से संपर्क कर आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा और उनका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। इस आश्वासन पर प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त कर दिया।

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