ग्रामीण क्षेत्रों में टीके लगाने से कतरा रहे हैं लोग

कोविड-19 संक्रमण को हराने में स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर पहुंच रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:43 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 07:43 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में टीके लगाने से कतरा रहे हैं लोग
ग्रामीण क्षेत्रों में टीके लगाने से कतरा रहे हैं लोग

संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : कोविड-19 संक्रमण को हराने में स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर पहुंच रही है। लेकिन राजौरी जिले के उप जिला सुंदरबनी के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टीके लगवाने से कतरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उन्हें जागरूक करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है।

कई ग्रामीण क्षेत्रों में अज्ञानता के कारण लोग स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ उलझ जाते हैं। ग्रामीण टीके की अहमियत को मानने को तैयार नहीं होते। बीएमओ सुंदरबनी डॉ. मंजूर हुसैन ने बताया कि 45 से ऊपर लगभग एक सौ प्रतिशत वैक्सीन के टारगेट को स्वास्थ्य विभाग ने पूरा कर लिया है। इक्का-दुक्का जो बचा है, उसे भी कल तक टीका लगा दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करें, जिससे वैक्सीन शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में शत-प्रतिशत लग सके।

उन्होंने कहा कि स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और पंचायती नुमाइंदों पंचों सरपंचों से हम यह उम्मीद करते हैं कि वह गांव में घर-घर और मोहल्ले मोहल्ले वैक्सीन के प्रति जागरूकता पैदा करेंगे और लोग स्वास्थ्य विभाग का वैक्सीन करवाने में सहयोग करेंगे जिससे सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को स्वास्थ्य विभाग जल्द प्राप्त कर पाएगा। ज्ञात रहे कि दूरदराज के क्षेत्र में टीके लगाने के बाद कई तरह की समस्याएं होने का भ्रम फैला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग को लोगों को समझाने में काफी परेशानी आ रही है।

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