पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बाद नेताओं से लोगों का भरोसा हुआ खत्म : आजाद

जागरण संवाददाता राजौरी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-भाजपा की गठबंधन सरकार के ग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:29 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:29 AM (IST)
पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बाद नेताओं से लोगों का भरोसा हुआ खत्म : आजाद
पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बाद नेताओं से लोगों का भरोसा हुआ खत्म : आजाद

जागरण संवाददाता, राजौरी : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-भाजपा की गठबंधन सरकार के गठन के बाद नेताओं के ऊपर से आम लोगों का भरोसा खत्म हो गया। यह बात जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को राजौरी में जनसभा को संबोधित करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कही।

उन्होंने पीडीपी का नाम लिए बिना कहा कि जम्मू कश्मीर के एक राजनीतिक दल ने भाजपा से हाथ मिलाकर पर जनादेश का अपमान किया। उन्होंने आतंकवाद की स्थिति को सीढ़ी और सांप का खेल बताते हुए नागरिक हत्याओं को रोकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक भी नागरिक की हत्या बड़ा प्रभाव डालती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में जबरदस्त भूमिका निभाई है और आतंकवाद से लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के इलाकों में उनके दौरे का विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35-ए और 370 के निरस्त होने के बाद की स्थिति और कोरोना लाकडाउन के कारण किसी भी क्षेत्र में कोई दौरा नहीं कर पाया था, इसलिए दौरा कर रहा हूं। उन्होंने आगे बताया कि रामबन में अपनी आगामी जनसभा के बाद वह जम्मू, कठुआ और सांबा के इलाकों का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर बार-बार राज्यपाल शासन लगाने का शिकार है और हम नौकरशाही की व्यवस्था के खिलाफ हैं। एक राज्यपाल या उपराज्यपाल एक अच्छा आदमी हो सकता है, लेकिन जो व्यवस्था वे चलाते हैं वह आम आदमी के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि यह नौकरशाही की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की अनुपस्थिति के कारण विकास गतिविधियां ठप पड़ी हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर लोगों को मुर्ख बनाने का कार्य हो रहा है। विकास टीवी, रेडियो व विज्ञापनों में ही नजर आ रहा है। जमीनी सतह पर विकास कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून लाना ही नहीं चाहिए था। लाए फिर उन्हें वापस भी ले लिया। इस बीच किसानों को काफी परेशानी हुई।

उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी की होड़ के लिए सरकार पर कड़ा प्रहार किया। जम्मू कश्मीर में अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ हैं आजाद

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में सरकारी अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियानों के खिलाफ आवाज उठाई और इन अभियानों को समाप्त करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि लोगों को भूमि से हटाना और उन्हें भूमिहीन बनाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में लगभग 90 फीसद क्षेत्र वन और पर्वतीय क्षेत्र है और हमारे पास वर्तमान आबादी के लिए पर्याप्त कृषि भूमि नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में सरकार को इस अतिक्रमण विरोधी मानदंड को समाप्त करना चाहिए। आजाद को चिंता आतंकियों के ठिकाने क्यों उड़ा देती है पुलिस

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को सुरक्षाबलों से अधिक आतंकी ठिकानों को उड़ाने की चिंता है। उन्होंने राजौरी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि आतंकी भागते हैं और एक घर में घुस जाते हैं तो सुरक्षाबल पूरे घर में विस्फोट कर देते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। सुरक्षाबलों को थोड़ी सावधानी से कार्रवाई करनी चाहिए।

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