एक कर्मचारी के सहारे चल रहा बड़ोग स्वास्थ्य केंद्र
चार दशक पहले कस्बे के बड़ोग सलयाड में खोला गया स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग की नजरे इनायत की जरूरत है। आज तक इस स्वास्थ्य केंद्र की न तो अपनी इमारत बनी और न ही पर्याप्त स्टाफ की तैनाती हो पाई। यही वजह है कि क्षेत्र के लोगों को आज भी छोटी सी बीमारी के लिए दूरदराज के अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है।
संवाद सहयोगी, कालाकोट : चार दशक पहले कस्बे के बड़ोग सलयाड में खोला गया स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग की नजरे इनायत की जरूरत है। आज तक इस स्वास्थ्य केंद्र की न तो अपनी इमारत बनी और न ही पर्याप्त स्टाफ की तैनाती हो पाई। यही वजह है कि क्षेत्र के लोगों को आज भी छोटी सी बीमारी के लिए दूरदराज के अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने राज्य प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्र की इमारत बनाने के साथ ही इसका दर्जा बढ़ाने की मांग की है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले चार दशक से भी ज्यादा समय से स्वास्थ्य केंद्र किराए के कच्चे कमरे में चल रहा है। इस केंद्र में स्टाफ नाम की भी कोई चीज नहीं है। सिर्फ एक स्वास्थ्य कर्मी के सहारे स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। ग्रामीण अशोक कुमार, मुल्खराज,गंधर्व सिंह, मुहम्मद इरशाद, कालूराम, सुरजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 1970 में बड़ोग में स्वास्थ्य केंद्र किराए के कच्चे कमरे में खोला गया था, जो आज भी कच्चे कमरे में है। इस केंद्र की इमारत निर्माण के लिए और इसका दर्जा बढ़ाने के लिए आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने बताया कि गांव के कई बीमार खासकर गर्भवती महिलाओं को भी अपने स्वास्थ्य की जांच व प्रसव के लिए दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में जाना पड़ता है। लोगों की परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को इस स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड करने के साथ ही नई इमारत बनाकर स्टाफ की नियुक्ति कर देना चाहिए। गांव के लोगों को इस स्वास्थ्य केंद्र से स्वास्थ्य संबंधी उपचार मिल सके और उन्हें परेशान ना होना पड़े। स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं मुहैया करवाने का हर संभव प्रयास होगा। इसके अलावा इसकी नई इमारत बनान और इसे अपग्रेड करने को भी निदेशक स्वास्थ्य विभाग को लिखा जाएगा।
डॉ. अशफाक अहमद, बीएमओ, कालाकोट