आदिवासी नायकों का जीवन हमें प्रेरित करता रहेगा : डीसी

जागरण संवाददाता राजौरी स्वतंत्रता आंदोलन को तेज गति देने और आदिवासियों के हितों की र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:24 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 06:24 AM (IST)
आदिवासी नायकों का जीवन हमें प्रेरित करता रहेगा : डीसी
आदिवासी नायकों का जीवन हमें प्रेरित करता रहेगा : डीसी

जागरण संवाददाता, राजौरी :

स्वतंत्रता आंदोलन को तेज गति देने और आदिवासियों के हितों की रक्षा करने में बिरसा मुंडा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह बात जिला उपायुक्त (डीसी) राजेश कुमार शवन ने लोक निर्माण विभाग राजौरी के डाक बंगले के सम्मेलन कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी गौरव सप्ताह के समापन अवसर पर संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आदिवासी नायकों का जीवन आने वाले समय में हमें प्रेरित करता रहेगा।

जिला उपायुक्त ने कहा कि हम सभी को स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों के अमूल्य योगदान को स्वीकार करने की आवश्यकता है। उन्होंने जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जनजातीय लोगों के समग्र विकास और कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि सभी मोर्चो पर समुदाय का सशक्तीकरण सुनिश्चित किया जा सके।

यह पहली बार है कि आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो अब तक स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक रहे हैं। जनजातीय गौरव सप्ताह के तहत पूरे देश ने जनजातियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका का जश्न मनाया, जो 15 नवंबर को शुरू हुआ और सोमवार को संपन्न हुआ।

जिला प्रशासन राजौरी ने भी जनजाति गौरव सप्ताह को धूमधाम से मनाया और आदिवासी नायकों को सम्मानित करने व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के बारे में जनता को अवगत कराने के लिए विभिन्न स्थानों पर कई गतिविधियां आयोजित की।

जनजातीय गौरव सप्ताह के समापन अवसर पर जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले के सम्मेलन कक्ष में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में तीन सत्र थे, जिनमें एक लघु देशभक्ति फिल्म, सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जिला उपायुक्त के साथ छात्रों की बातचीत शामिल थी।

पहला सत्र बिरसा मुंडा पर एक लघु देशभक्ति फिल्म थी, जिसके माध्यम से कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की भूमिका से अवगत कराया गया। आदिवासी समुदायों ने अपनी उत्कृष्ट कला और शिल्प के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विरासत को कैसे समृद्ध किया है, इस पर भी विस्तृत प्रकाश डाला गया।

उन्होंने अपनी पारंपरिक प्रथाओं के माध्यम से पर्यावरण के संवर्धन, संरक्षण में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। पारंपरिक ज्ञान के अपने विशाल भंडार के साथ वे सतत विकास के पथ प्रदर्शक रहे हैं।

दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें गोजरी कवियों ने अपनी सुंदर कविताओं से प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कविताओं ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया, जिन्होंने ताली बजाकर कवियों की सराहना की।

तीसरे और अंतिम सत्र के दौरान छात्रों ने जिला उपायुक्त राजौरी राजेश कुमार शवन के साथ बातचीत की, जिन्होंने अपने जीवन के मूल्यवान अनुभव और कैसे वह एक प्रशासक बने, साझा किए। उन्होंने छात्रों को बड़े सपने देखने और अपने जीवन के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने की भी सलाह दी।

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