अखंड व मजबूत भारत के लिए डा. मुखर्जी ने किया संघर्ष

संवाद सहयोगी पुंछ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में उन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:18 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:18 AM (IST)
अखंड व मजबूत भारत के लिए डा. मुखर्जी ने किया संघर्ष
अखंड व मजबूत भारत के लिए डा. मुखर्जी ने किया संघर्ष

संवाद सहयोगी, पुंछ : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में उनके आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन भेंट किए। वहीं, उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डा. श्यामा प्रसाद ने एक अखंड और मजबूत भारत के लिए कड़ा संघर्ष किया। उनके जीवन से हमें अखंड भारत को मजबूत करने की प्रेरणा मिलती है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश की सेवा करनी है।

इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ता कैप्टन बंसी लाल, अभिनंदन सूदन, अशोक कुमार, सरदार परमजीत सिंह, अमृत कौर, सरदार नरिदर सिंह, पीर लियाकत, एखलाक मेहर विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

बलिदान दिवस पर बुधवार को रियासी में भाजपा की तरफ से स्थानीय पार्टी कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर जनसंघ के संस्थापक एवं शिक्षाविद डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धाजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री अजय नंदा व जिला प्रधान शील मगोत्रा सहित पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

उन्होंने डा. मुखर्जी की तस्वीर पर पुष्प माला चढ़ाकर उन्हें नमन किया। इस मौके पर अजय नंदा व पार्टी के अन्य वक्ताओं ने कहा कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे का नारा डा. मुखर्जी ने ही दिया था। उन्होंने हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया।

जनसंघ के संस्थापक सदस्य डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर कटड़ा के साथ ही पैंथल ब्लाक में भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धाजलि अर्पित की। पैंथल ब्लाक की सीड़ा कालोनी में डीडीसी सदस्य राजेंद्र मैंगी, भाजपा नेता सोहनलाल के साथ अन्य कार्यकर्ताओं ने डा. मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धाजलि अर्पित की। इस मौके पर मैंगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना साकार किया है, क्योंकि वर्ष 1953 में जम्मू कश्मीर का देश के साथ पूर्ण विलय और एक विधान एक निशान के सपने को लेकर डा. मुखर्जी जम्मू कश्मीर आए। तभी कठुआ जिला के लखनपुर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 23 जून 1953 को कश्मीर में उनका निधन हो गया। डा. मुखर्जी के सपने को लेकर भारतीय जनता पार्टी निरंतर संघर्ष करती रही। आखिरकार मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को उनके सपने को साकार किया।

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