पहाड़ी भाषी लोगों को जनजाति का दर्जा जल्द देने की उठाई मांग
संवाद सहयोगी पुंछ जिला मुख्यालय में एक बैठक के दौरान पहाड़ी भाषियों को जनजाति का दर्जा द
संवाद सहयोगी, पुंछ : जिला मुख्यालय में एक बैठक के दौरान पहाड़ी भाषियों को जनजाति का दर्जा देने की मांग उठाई गई। मंगलवार दोपहर को पुंछ नगर में पहाड़ी भाषियों ने एडवोकेट इफ्तकार बजमी, लोकेश कुमार, एडवोकेट संजय रैना, संदीप कुमार और रवींद्र सिंह की अगुआई में एक बैठक का आयोजन कर केंद्र सरकार से पहाड़ियों की मांगों को जल्द पूरा करने का आग्रह किया।
बैठक के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने पहाड़ियों के साथ हमदर्दी दिखाते हुए जनजाति का दर्जा देने की बात की है, लेकिन जब तक दर्जा नहीं मिलता, तब तक कोई यकीन नही है, क्योंकि राजनीतिक दल अश्वासन ज्यादा देते हैं, जमीनी सतह पर कार्य नहीं होते हैं, वरना 70 वर्ष से जो लोग सत्ता में रहे हैं, वे पहाड़ियों के साथ नाइंसाफी नहीं करते।
बैठक के दौरान पहाड़ियों ने कहा कि सात दशक से केंद्र एवं राज्य में सत्ता भोग रहे दलों ने पहाड़ी और गुज्जर दो भाइयों को बांटने का काम किया है। पहाड़ियों को जनजाति का दर्जा नहीं मिलने के कारण हम लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हमारे पढ़े-लिखे बच्चे बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। जो नौकरी कर रहे हैं उनको पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। क्योंकि जनजाति का दर्जा न होने के कारण हम हर क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं।
हम सरकार से अपना हक मांग रहे हैं न कि किसी के हक से हिस्सा मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार जल्दी ही पहाड़ियों की मांगें पूरी करती है तो पहाड़ी जनजाति के लोग भी सरकार का हर कदम पर साथ देंगे।