बलेटे बाबा मंदिर में पूजा अर्चना हुई शुरू, श्रद्धालुओं का लगा ताता

संवाद सहयोगी बसोहली लोगों की श्रद्धा व आस्था का केंद्र बाबा बलेटे के मंदिर में आषाढ़ मास की विश

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:13 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:13 AM (IST)
बलेटे बाबा मंदिर में पूजा अर्चना हुई शुरू, श्रद्धालुओं का लगा ताता
बलेटे बाबा मंदिर में पूजा अर्चना हुई शुरू, श्रद्धालुओं का लगा ताता

संवाद सहयोगी, बसोहली: लोगों की श्रद्धा व आस्था का केंद्र बाबा बलेटे के मंदिर में आषाढ़ मास की विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई है। मंदिर कमेटी की ओर से लाकडाउन के नियमों का पालन पूरी तरह से किया जा रहा है।

श्रद्धालुओं की भीड़ ना लगे, इसे लेकर कमेटी द्वारा अपने सदस्यों को मंदिर के बाहर खड़ा किया गया है। शारीरिक दूरी के निशान बनाए गए हैं और सैनिटाइजर व मास्क के साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश एक एक कर करवाया जा रहा है।

बसोहली उपजिला की पंचायत पलाख के गाव फरनाट में स्थित बाबा बलेटे का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यहा पर आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि अगर आषाढ़ मास में इस मंदिर के पूजारी द्वारा कलाई पर धागा बंधवाया गया तो किसी को भी साप, बिच्छू एवं जहरीले कीटों के काटने का असर नहीं होता है। धागे के प्रति लोगों की आस्था दशकों पुरानी है। हर वर्ष आषाढ़ मास में सभी रविवार को आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाख तक पहुंचती है। लाकडाउन के चलते गत वर्ष संख्या कम रही। इस बार भी संख्या कम ही देखने को मिली। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मंदिर कमेटी की ओर से पूड़ी, आलू चना का लंगर लगाया जाता है और प्रसाद में हलवा भी दिया जाता है।

उधर, मंदिर में प्रशासन द्वारा भले ही सुविधाएं नाममात्र उपलब्ध करवाई गई हैं, इसके बावजूद लोग 400 मीटर पत्थरीले रास्तों पर चलकर यहा पहुंचते हैं। यहा पर मंदिर कमेटी द्वारा हर साल अपनी ओर से रास्ता बनवाया जाता है और बरसात में बह जाता है। मंदिर में लगभग 6 साल पूर्व एक शौचालय बनवाया गया, मगर ताले आज तक नहीं खुले और श्रद्धालुओं को खुले में ही शौच करने को मजबूर होना पड़ता है।

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