तहसील के कई तालाबों का अस्तित्व खतरे में
संवाद सहयोगी बसोहली तहसील में पेयजल संकट पिछले कई सालों से गहराता जा रहा है। सरका
संवाद सहयोगी, बसोहली: तहसील में पेयजल संकट पिछले कई सालों से गहराता जा रहा है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना 100 लीटर तक पानी की जरूरत होती है, इन सबके बावजूद पानी को संजो कर रखने के प्रति सरकार के किसी भी विभाग का ध्यान नहीं है, जिस कारण ग्रामीणों की सभी प्रकार की जरूरतों को पूरा करने वाले तालाब की हालत खराब हो रही है। जिसके प्रति सरकार के उदासीन रवैये के चलते ग्रामीणों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक तालाब है फरनाट गांव में, जिस पर आज तक संबंधित विभाग की नजर ए इनायत नहीं हुई जो दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। कभी इसका पानी पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन अब यह गंदगी से भरा हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्र में पानी का मुख्य स्रोत तालाब हैं, जिससे लोग कपड़े धोने, माल मवेशियों के अलावा कई जगहों पर नहाने आदि के लिए प्रयोग साल भर करते हैं। इन तालाबों से मिट्टी को निकाल कर साफ करने एवं इससे झाडि़यों को साफ कर तालाब के किनारों को पक्का करने से तालाब एक बार फिर से अस्तित्व में आ सकता हैं। तालाब की दशा को सुधारने के लिए आज तक किसी भी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया, जिस कारण इसकी हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है, अगर जल्दी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो पानी के लिए लोगों को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि 30 वर्ष पूर्व गांव के लोग इस तालाब का पानी पीने के लिये भी इस्तेमाल करते रहे हैं।
पंच अनुराधा, अजय पाल सिंह, अर्जुन सिंह, देवेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, मंगलो राम, बलकार सिंह, गगन सिंह आदि का कहना है कि सरकार को इसके लिए कोई ठोस स्कीम बनाकर फिर से दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लगभग सभी तालाबों का विस्तारीकरण हो चुका है, मगर फरनाट गांव के तालाब की उपेक्षा हो रही है। जिस कारण यह बन नहीं पाया। कोट्स---
अभी चार दिन पूर्व बसोहली में नियुक्त हुई है। जल्द ही इस तालाब का दौरा कर अगले प्लान में रखने के लिए कार्रवाई आवश्य की जाएगी।
- रंजीत कौर, बीडीओ, बसोहली ब्लॉक।