Unlock in JK: जम्‍मू कश्‍मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर में बंदिशें जल्द टूटने की उम्मीद, यह पाबंदियां होंगी दूर

जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर को 10 माह से जारी पाबंदियों से जल्द राहत की उम्मीद है। केंद्र की अंतरराज्यीय सड़क परिवहन सेवाओं को पूरी तरह खोलने की सिफारिश के बाद अब उम्मीद है जम्मू कश्मीर प्रशासन भी इस पर गाइडलाइन जारी कर सकता है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 05:30 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 07:43 AM (IST)
Unlock in JK: जम्‍मू कश्‍मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर में बंदिशें जल्द टूटने की उम्मीद, यह पाबंदियां होंगी दूर
जम्‍मू कश्‍मीर में प्रवेश के लिए लखनपुर पर दस्‍तावेज तैयार करवाते यात्री। अकसर यहां कतार लगी रहती है।

कठुआ, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर को जल्द 10 माह से जारी पाबंदियों से राहत मिलने की उम्मीद जग गई है। केंद्र की नई गाइडलाइंस में पहली फरवरी से अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं को खोलने की सिफारिश के बाद अब उम्मीद है जम्मू कश्मीर प्रशासन भी इस पर गाइडलाइन जारी कर सकता है। हालांकि जम्मू कश्मीर के पड़ोसी राज्य पंजाब और हिमाचल में पहले से ही अंतरराज्यीय सेवाएं चल रही हैं पर जम्मू कश्मीर में तमाम पाबंदियां जारी हैं।

पाबंदियां हटने का संकेत मिलते ही ट्रांसपोर्टर उत्साहित हैं, वहीं विद्यार्थी वर्ग में खासी खुशी है। प्रशासन से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अगले सप्ताह से से राहत दिए जाने की उम्मीद है। इससे कारोबारियों को राहत मिलेगी ही, मां वैष्णो देवी के दरबार में भी जाने वाले श्रद्धालुओं को लंबी औपचारिकताओं से निजात मिल सकती है और राज्य में पर्यटन और तेज होगा।

दरअसल, कोरोना के बाद लॉकडाउन के बाद से जम्मू कश्मीर में अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं को भी बंद कर दिया गया था। उसके बाद अनलॉक के तहत अन्य गतिविधियों में छूट दी गई पर परिवहन सेवाओं को छूट नहीं मिली। सड़क मार्ग से दूसरे प्रदेशों से आने वाले यात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को लखनपुर बार्डर पर तमाम औपचारिकताओं से होकर गुजरना पड़ता है और रैपिड कोविड टेस्ट कराना पड़ता है।

इसी तरह रेलमार्ग और वायुमार्ग से आने वालों का रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर टेस्ट होता है। कुछ माह से यह टेस्ट और पाबंदियां औपचारिकता ही बनकर रह गई थी और लखनपुर में पूरी प्रक्रिया पर कई बार सवाल भी उठे।

इसके अलावा इसका सबसे अधिक खामियाजा जम्मू कश्मीर के कठुआ और पंजाब के पठानकोट जिले के निवासियों को अधिक झेलना पड़ा। यह दोनों जिलों में अकसर नौकरी, शिक्षा और अन्य काम धंधों के लिए लोगों को नियमित आना जाना होता है। कठुआ जिला प्रशासन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि तो नहीं कर रहा है, लेकिन माहौल में बदलाव उम्मीद जगा रहा है। प्रशासन का कहना है कि इसका आधिकारिक फैसला प्रदेश उपराज्यपाल को ही लेना है।

जितेंद्र सिंह भी कर चुके हैं एलान

कोरोना के मामले भले ही इक्का-दुक्का ही रह गए हों पर लोगों को पाबंदियों से लगातार दो-चार होना पड़ रहा है। ऐसे में लोग कई माह से स्थानीय लोगों को राहत देने की मांग उठाते आ रहे हैं। प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर में जारी पाबंदी पर गत अक्टूबर माह में ही केंद्रीय राज्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद डा. जितेंद्र ङ्क्षसह ने प्रदेश सरकार से लगी पाबंदी हटाने को कहा था, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। गत माह पंजाब के ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी लखनपुर में जारी पाबंदी को लेकर सरकार के रवैये पर रोष जताया।

पहली फरवरी से खुल रहे स्कूल -कालेज

बहरहाल, प्रदेश सरकार ने पहली जनवरी से स्कूल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। ऐसे में कठुआ के बहुत से विद्यार्थियों को रोजाना पंजाब के कई स्कूलों में जाना होगा। ऐसे में उन्हें राहत देना अनिवार्य है।  ऐसी स्थिति में अब लखनपुर में एक फरवरी से अंतरराज्यीय पाबंदी इन छात्रों की परेशानी बढ़ाने वाली होगी, चूंकि स्कूल-कालेज से लौटते छात्रों का नियमित लखनपुर में कोरोना जांच संभव नहीं है। लखनपुर में कई अध्यापकों की वहां जांच पड़ताल के लिए ड्यूटी लगी है, उन्हें भी स्कूल खुलने पर वापस ड्यूटी पर जाना होगा। हजारों टेस्ट के बावजूद यहां काफी दिनों में एक भी संक्रमित नहीं मिल रहे। ऐसे हालात में पाबंदी से राहत देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

यह है पाबंदी

गत 22 मार्च से जारी पाबंदी के बीच अभी तक कोई भी विभिन्न राज्यों से आने वाली यात्री बसें लखनपुर से आगे प्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकती है। लखनपुर पहुंचकर सभी यात्रियों की कोरोना जांच होती है और उसके बाद निगेटिव रिपोर्ट पर ही वह राज्य परिवहन की बसों में अन्य जिलों मेें जा सकते हैं। इसी तरह जम्मू कश्मीर की बसें केवल लखनपुर बार्डर तक ही जाती हैं। जाते समय कोई जांच नहीं होती। इससे यात्रियों को दूसरे राज्यों में जाने और आने पर अनावश्यक काफी परेशानी होती है। निजी वाहन अगर दूसरे राज्य से आते हैं तो कठुआ जिला के ही होने पर कोरोना जांच के लिए जरूरी है, अन्य जिलों के लिए सिर्फ एक पर्ची बनती है बिना कोरोना जांच आते हैं।

अब ट्रेन भी चलनी शुरू हो गई हैं

सड़क परिवहन पर जारी पाबंदी के बीच ट्रेन भी दौडऩी शुरू हो चुकी है। इसके चलते वहां से भी यात्री अब आ जा रहे हैं, लेकिन कठुआ स्टेशन पर कोरोना जांच का कैंप लगाया गया है, वहां पर कभी कभार हफ्ते में सैकड़ों यात्रियों में एक पाजिटिव मिलता है।

जिले में वीरवार को कोरोना का कोई पाजिटिव नहीं मिला  

कोरोना के कम हो रहे प्रकोप के बीच वीरवार को जिले में कोरोना का कोई भी नया पाजिटिव नहीं मिला। इसके चलते अब जिले में कुल तीन कोरोना के सक्रिय मामले हैं। इससे अब जिले में कोरोना के सभी पाजिटिव मामले खत्म होने की संभावना बन गई है। अब तक कुल संक्रमित हुए 3254 में से 3199 स्वस्थ भी हो चुके हैं। उधर, लखनपुर में 2575 की जांच में एक भी पाजिटिव नहीं मिला। पूरे जिला में कुल 2797 का टेस्ट किया गया। इसमें कोई भी पाजिटिव नहीं मिला। रेलवे स्टेशन पर 105 की जांच हुई, वहां भी कोई पाजिटिव नहीं मिला है।

अभी आधिकारिक तौर पर तो कोई आदेश उन्हें लखनपुर से पाबंदी हटाने के लिए नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि अगले हफ्ते पाबंदी हटाई जा सकती है।

-ओपी भगत, उपायुक्त, कठुआ

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