जिले में पांच इंच बारिश, उज्ज दरिया में फंसे दो युवकों को बचाया

जागरण संवाददाता कठुआ जिले में सोमवार को हुई मूसलधार बारिश से एक बार फिर जगह-जगह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:00 AM (IST)
जिले में पांच इंच बारिश, उज्ज दरिया में फंसे दो युवकों को बचाया
जिले में पांच इंच बारिश, उज्ज दरिया में फंसे दो युवकों को बचाया

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिले में सोमवार को हुई मूसलधार बारिश से एक बार फिर जगह-जगह जलभराव लोगों के लिए मुसीबत बन गया। एक दिन में रिकॉर्ड 125 मिमी (पांच इंच) बारिश होने से कई मार्गो पर दो से तीन फुट तक पानी भर गया। कमजोर निर्माण ढह गए। दरिया व नालों में पानी का बहाव बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन गई। नगरी क्षेत्र के सैदपुर में दो युवक उज्ज दरिया में आई बाढ़ में फंस गए। उनकी जान आफत में देख पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को भेज कर रेस्क्यू आपरशेन चलाया। कई घंटे के बाद दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। मौत के पास से लौटे युवकों ने पुलिस टीम का आभार जताया और कहा कि अगर पुलिस नहीं होती तो उनके साथ आज पता नहीं क्या हो जाता। उज्ज के अलावा जिले के तरनाह, रावी और सहार खड्ड में भी आई बाढ़ से पानी का बहाव तेज हो गया था। इसी बीच हाईवे पर हटली मोड़ के पास फिर तालाब जैसी स्थिति बन गई, जिससे वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को मुश्किलें पेश आई। चालकों को पूरी सावधानी से वहां से अपने वाहन निकालने पड़े। कई घंटे तक जहां जाम की स्थिति बनी रही और वाहनों के पहिए थम गए।

उधर, उक्त क्षेत्र में कई घरों, गलियों एवं मोहल्लों में जलभराव होने से स्थानीय लोगों को 2 से 3 फीट के पानी से होकर गुजरना पड़ा। इससे लोगों को प्रशासन के बाढ़ प्रबंधों के उचित प्रबंध न होने से समस्या झेलनी पड़ रही है। प्रशासन समय पर बरसात से पहले शहर की नालियों, नालों को साफ नहीं कराता है, जिससे बार-बार जलभराव की समस्या आ रही है। फिर बहा जीएमसी को हाईवे से जोड़ने वाला मार्ग

इसी बीच जोरदार बारिश के बाद जिले की सबसे महत्वपूर्ण जीएमसी की इमारत को हाईवे से जोड़ने वाला कुछ दिन पहले बनाया गया अस्थायी मार्ग फिर बह गया है। बीते तीन सप्ताह में उक्त मार्ग तीन बार बह गया है। हालांकि अब इस समस्या का समाधान पक्का पुल ही है, जो अभी बनना असंभव है, क्योंकि पहले हाईवे सिक्स लेन किया जाना है। उसके बाद ही वहां पुल बनेगा, तब तक अस्थायी मार्ग ही इसी तरह से बनता रहेगा और बहता रहेगा। इससे एमबीबीएस छात्रों सहित जीएमसी के डाक्टरों एवं स्टाफ को कार्यालय पहुंचने के लिए दो चार होना पड़ रहा है।

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