अस्थायी कर्मियों की हड़ताल से पानी को लेकर हाहाकर
जागरण संवाददाता कठुआ जिले में जल शक्ति विभाग के अस्थायी कर्मियों की 72 घंटे की घोषित ह
जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले में जल शक्ति विभाग के अस्थायी कर्मियों की 72 घंटे की घोषित हड़ताल के पहले दिन ही पेयजल को लेकर शहर में हाहाकार मच गया है। शहर के सभी 21 वार्ड में लोग शनिवार को सुबह छह बजे से शाम तक नलों से पानी टपकने का इंतजार करते रहे। सुबह के समय स्थानीय लोगों को पेयजल आपूर्ति हड़ताल के कारण सप्लाई बंद होने संबंधी कोई जानकारी मालूम नहीं था, लेकिन जब शाम तक नल सूखे ही रहे तो 3 दिन की हड़ताल की सूचना पाकर परेशान हो गए। अब अगले दो दिन रवि और सोमवार तक लोगों को अपने घर में पीने के अलावा अन्य इस्तेमाल के लिए पानी का निजी तौर पर जुगाड़ करना पड़ेगा।
पेयजल आपूर्ति सिर्फ शहर की करीब एक लाख आबादी को हीं नहीं, ब्लकि पूरे जिले में जहां-जहां पेयजल आपूर्ति के प्रबंध है। आलम यह था कि लोग खाली बर्तनों की लाइनें सार्वजनिक नलों के समक्ष दिन भर लगाए रहे, लेकिन शाम तक उनसे पानी नहीं टपका। उधर, हड़ताली कर्मियों ने सुबह से ही किसी भी ट्यूबवेल से आपूर्ति नहीं की और न ही होने दी। कर्मचारियों ने इस बार हड़ताल को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए ट्यूबवेल पर पहरा लगा रखा था कि कहीं कोई स्थायी कर्मी या स्थानीय निवासी मोटर पंप चलाकर आपूर्ति न दे दे। कई स्थानों पर स्थायी कर्मियों ने चोरी छिपे ट्यूबवेल से आपूर्ति करने का प्रयास किया। जैसे ही दूसरे हड़ताली कर्मियों को इसकी भनक लगी तो उसी समय वहां पहुंच कर उसे बंद करवा दिया गया।
शहर के अलावा पूरे जिले में शनिवार को कहीं भी पेयजल आपूर्ति नहीं हुई। अगर वहां भी स्थायी कर्मी या स्थानीय किसी के प्रयास से आपूर्ति स्टेशन ट्यूबवेल से करने का प्रयास किया गया तो वहां पहले से ही मौजूद अस्थायी कर्मियों ने इसका विरोध करते ही बंद कर दी। अभी अगले दो दिन तक आपूर्ति बंद रहेगी और लोगों को पेयजल जुटाने के लिए खुद ही विकल्प तलाशना होगा, क्योंकि विभाग ने तीन दिन की हड़ताल से निपटने के लिए आपूर्ति की कोई भी वेकल्पिक व्यवस्था नहीं की है।
जिला में इस समय साढ़े चार सौ से ज्यादा अस्थायी कर्मी हड़ताल पर हैं। जिनकी मुख्य मांग स्थायी करने के अलावा लंबित वेतन और हर माह वेतन जारी करने की नीति लागू करना है। हड़ताली कर्मियों का कहना है कि पिछले कई सालों से वे अपने हक के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन बार-बार आश्वासन देकर उन्हें टाल दिया जाता है। बता दें कि विभाग का आपूर्ति का मुख्य कार्य इस समय अस्थायी कर्मी ही कर रहे हैं और विभाग भी इन पर निर्भर हो चुका है, उसके बाद भी स्थायी करने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। कोट्स---
अस्थायी कर्मियों की हड़ताल से शहर में पेयजल आपूर्ति ठप रहने से लोगों को पहले दिन परेशानी का सामना करना पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी इतना प्रभाव नहीं पड़ा है हालांकि, अभी हड़ताल के चलते आपूर्ति सुचारु रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हड़ताली कर्मी दूसरे स्थायी कर्मियों को भी आपूर्ति नहीं करने दे रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो पुलिस की आपूर्ति के समय मदद ली जा सकती है।
-राजेश शर्मा, सहायक कार्यकारी अभियंता, जल शक्ति विभाग, कठुआ।